मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर मनुस्मृति जलाने की पोस्ट पर दर्ज एफआईआर में आरोपी को जमानत दी
MP High Court
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने हाल ही में सोशल मीडिया पर "आपत्तिजनक" सामग्री पोस्ट करके धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी।
आरोपी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153-ए, 295ए, 505(2) के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया।
वह 24 दिसंबर, 2022 से न्यायिक हिरासत में है।
अभियोजन पक्ष की कहानी के अनुसार, उसने फेसबुक पर दो पोस्ट अपलोड किए, जो शिकायतकर्ता सकल ब्राह्मण समाज को आपत्तिजनक लगे।
एक पोस्ट में उसने कहा,
"जैसा कि भारत माता का पति और पिता कौन है"।
दूसरी पोस्ट मनुस्मृति जलाने के कार्यक्रम के आयोजन से संबंधित थी।
उसकी जमानत के लिए बहस करते हुए उसके वकील ने प्रस्तुत किया कि पहली पोस्ट में वह केवल अपनी राय व्यक्त कर रहा था और भारत माता की अवधारणा की उत्पत्ति पर सवाल उठा रहा था।
मनुस्मृति जलाने के संबंध में दूसरी पोस्ट के संबंध में यह दावा किया गया कि यह पहली बार नहीं है जब "देश में ऐसा किया गया है"।
हालांकि, अदालत के सामने यह स्पष्ट किया गया कि पोस्ट के अनुसार, ऐसा कोई समारोह कभी आयोजित नहीं किया गया।
आवेदन का विरोध करते हुए राज्य ने तर्क दिया कि अभियुक्त का "13 मामलों का आपराधिक रिकॉर्ड" है।
जस्टिस अतुल श्रीधरन ने मामले की खूबियों पर टिप्पणी किए बिना आवेदक को जमानत दे दी।
केस टाइटल: बाबूलाल देलवर बनाम मध्य प्रदेश राज्य
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