लखनऊ कोर्ट ने सावरकर पर 'अपमानजनक' टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को आरोपी के तौर पर तलब किया

Update: 2024-12-14 05:01 GMT

उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले की सीजेएम अदालत ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को महाराष्ट्र के अकोला में नवंबर 2022 में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ कथित 'अपमानजनक' टिप्पणी को लेकर दर्ज शिकायत मामले में आरोपी के तौर पर तलब किया।

अदालत ने पाया कि गांधी ने अपने भाषण और प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाषण से पहले विचलित करने वाले पर्चे के जरिए समाज में नफरत और दुर्भावना फैलाई, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा कि सावरकर अंग्रेजों के सेवक थे और उन्होंने अंग्रेजों से पेंशन ली थी।

एडिशनल जिला जज ने कहा,

"प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले से छपे पर्चे और पर्चे बांटना दर्शाता है कि #राहुलगांधी ने समाज में नफरत और दुश्मनी फैलाकर राष्ट्र की बुनियादी विशेषताओं को कमजोर और अपमानित किया।"

इस पृष्ठभूमि में गांधी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला पाते हुए न्यायालय ने अब उन्हें धारा 153ए और 505 आईपीसी के तहत आरोपों का सामना करने के लिए 10 जनवरी, 2025 को तलब किया।

यह आदेश एडवोकेट नृपेंद्र पांडे द्वारा दायर शिकायत मामले पर पारित किया गया, जिसमें दावा किया गया कि गांधी ने समाज में नफरत फैलाने के इरादे से राष्ट्रवादी विनायक दामोदर सावरकर को अंग्रेजों का सेवक कहा और कहा कि वह अंग्रेजों से पेंशन लेते थे।

याचिका में कहा गया,

"राष्ट्रवादी विचारधारा के महान नेता कांतिवीर दामोदर आजादी के इतिहास में निडर स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने भारत माता को उनकी गुलामी से मुक्त करने के लिए अंग्रेजों के अमानवीय अत्याचारों को सहन किया और गांधी ने सावरकर जी को अभद्र शब्दों का प्रयोग करके अपमानित किया और सावरकर जी के प्रति हीन भावना फैलाने के लिए घृणित बातें कहीं।"

इससे पहले जून 2023 में उनकी शिकायत खारिज की थी, उक्त आदेश को चुनौती देते हुए पांडे ने सेशन कोर्ट के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर की। उनके पुनर्विचार को अनुमति दी गई, क्योंकि एएसजे/एमपी-एमएलए कोर्ट ने नोट किया कि पुनर्विचार स्वीकार किए जाने योग्य है, क्योंकि इसमें कानून और तथ्य के प्रश्न शामिल हैं। इसके बाद मामले को एसीजेएम कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया।

अब उनकी शिकायत याचिका पर फिर से सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पाया कि गांधी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है। इस प्रकार, उन्हें उपरोक्त आरोपों का सामना करने के लिए बुलाया गया।

संबंधित समाचार में, पुणे की स्पेशल कोर्ट ने हाल ही में राहुल गांधी को 2 दिसंबर को अपने समक्ष उपस्थित रहने का आदेश दिया, जिससे उनके खिलाफ दायर मानहानि की शिकायत की कार्यवाही में भाग लिया जा सके, जो कि यूनाइटेड किंगडम में दिए गए भाषण में दिवंगत दक्षिणपंथी नेता विनायक सावरकर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करके उनके खिलाफ कथित रूप से मानहानि करने के लिए दायर की गई।

स्पेशल एमपी/एमएलए अदालत के जज अमोल शिंदे ने अक्टूबर में गांधी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के लिए सम्मन जारी किया, जिससे वह सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर द्वारा उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 के तहत लगाए गए आरोप का जवाब दे सकें।

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