विशेष अदालतों में लंबे समय से लंबित एनआईए के मामले: दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर तक सुनवाई में देरी पर जवाब मांगा

Update: 2021-10-26 10:53 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी की विशेष अदालतों में एनआईए के लंबित मामलों के संबंध में जवाब दाखिल करने के लिए अपनी रजिस्ट्री को और समय देते हुए ऐसे मामलों में सुनवाई में देरी का कारण भी पूछा।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की अदालत में आरोपी मन्ज़र इमाम द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह घटनाक्रम सामने आया। उक्त आरोपी पिछले आठ वर्षों से एनआईए मामले के सिलसिले में हिरासत में है।

इस मामले में आरोप लगाया गया है कि इंडियन मुजाहिदीन के कुछ सदस्य कथित रूप से भारत में ऐतिहासिक स्थानों को निशाना बनाकर आतंकवादी कृत्य करने की साजिश रच रहे थे।

कोर्ट ने 15 सितंबर के आदेश में इस मामले में रजिस्ट्री से जवाब मांगा।

दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से पेश अधिवक्ता गौरव अग्रवाल ने पिछले आदेश के संदर्भ में हलफनामा दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा।

न्यायालय ने आदेश दिया:

"उसे अगली तारीख से पहले दाखिल किया जाए। 17 दिसंबर, 2021 को लिस्ट करें।"

इससे पहले, अग्रवाल ने अदालत को अवगत कराया था कि पटियाला हाउस कोर्ट में एनआईए के मामलों से निपटने के लिए कुल दो विशेष अदालतें हैं। एक सत्र न्यायाधीश और जिला और सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में ये अदालतें हैं।

हालांकि अदालत से यह पता लगाने के लिए समय मांगा गया कि क्या ऐसे एनआईए मामलों को विशेष अदालतों में पर्याप्त प्राथमिकता नहीं दी गई, जिसके परिणामस्वरूप सुनवाई में देरी हुई।

कोर्ट ने पहले गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा प्रभाग के संयुक्त सचिव के माध्यम से केंद्र सरकार और मामले संबंध राष्ट्रीय जांच एजेंसी और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा था।

इमाम के खिलाफ यूएपीए और आईपीसी के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्हें वर्ष 2013 में गिरफ्तार किया गया था। इसलिए याचिका दायर की गई ताकि यह निर्देश दिया जा सके कि विशेष एनआईए अदालतों को विशेष रूप से एनआईए द्वारा जांचे गए अनुसूचित अपराधों से निपटना चाहिए ताकि ऐसी अदालतों द्वारा मुकदमे की सुनवाई तेजी से की जा सके।

विशेष एनआईए अदालतों द्वारा शीघ्र सुनवाई के लिए निर्देश मांगने के अलावा याचिकाकर्ता ने विशेष अदालत को दिन-प्रतिदिन के आधार पर अपने मुकदमे की सुनवाई करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की।

केस का शीर्षक: मन्ज़र इमाम बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, संयुक्त सचिव, आंतरिक सुरक्षा प्रभाग, गृह मंत्रालय के माध्यम से और अन्य

Tags:    

Similar News