लोकपाल ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अधिकारी, जिसमें सचिव और अतिरिक्त सचिव भी शामिल हैं, लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं। लोकपाल ने यह फैसला UPSC के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर सुनवाई करते हुए सुनाया।
लोकपाल ने पहले शिकायतकर्ता से पूछा कि UPSC के अधिकारी लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम की धारा 14 के तहत कैसे आते हैं, क्योंकि UPSC एक संवैधानिक निकाय है, न कि संसद के किसी अधिनियम द्वारा स्थापित।
शिकायतकर्ता ने इसके जवाब में हलफनामा दायर कर कहा कि UPSC के सचिव और अतिरिक्त सचिव केंद्र सरकार के ग्रुप 'ए' अधिकारी हैं। इसलिए वे लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय पीठ ने अपने आदेश में कहा कि लोकपाल के पास केवल उन लोक सेवकों की जांच करने का अधिकार है, जो संघ के मामलों के संबंध में सेवा कर रहे हैं। खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि UPSC के अधिकारी आयोग के मामलों के संबंध में सेवा करते हैं न कि संघ के मामलों के। इसलिए वे लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते।
इस फैसले के साथ लोकपाल ने शिकायत का निपटारा कर दिया और शिकायतकर्ता को किसी अन्य कानून के तहत राहत पाने का अधिकार दिया।