केरल हाईकोर्ट ने कोविशील्ड डोज अंतराल को कम करने के केंद्र सरकार के निर्देश के खिलाफ दायर अपील पर फैसला सुरक्षित रखा

Update: 2021-10-12 05:31 GMT

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को निर्धारित 84 दिन के अंतराल को पूरा करने से पहले दो याचिकाकर्ता कंपनियों के श्रमिकों को कोविशिल्ड (COVISHIELD) वैक्सीन की दूसरी डोज को जल्द लगाने की अनुमति देने वाले एकल न्यायाधीश के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया।

मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी शैली की खंडपीठ केंद्र सरकार द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि वैक्सीन को जल्द लगाने की अनुमति देकर एकल न्यायाधीश ने सरकार की वैक्सीन नीति में हस्तक्षेप किया।

पूर्वोक्त निर्णय द्वारा एकल पीठ ने अपीलकर्ताओं को CoWIN पोर्टल में तत्काल आवश्यक प्रावधान करने का निर्देश दिया था ताकि कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज को पहली डोज के चार सप्ताह के बाद शेड्यूल करने में सक्षम बनाया जा सके, जो इसे स्वीकार करने के इच्छुक थे।

केंद्र ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि उसे यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि उसके नागरिकों को COVID-19 वायरस से बेहतर तरीके से बचाया जाए, जबकि कोर्ट को कोविशील्ड के लिए निर्धारित डोज अंतराल की सरकारी नीति में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।

इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार द्वारा यह तर्क दिया गया कि केवल प्रतिवादी कंपनी अपने कर्मचारियों को 84 दिन पूरे होने से पहले दूसरे जैब के साथ वैक्सीन लगवाना चाहती है और इस तरह के कदम से व्यक्तिगत श्रमिकों के अधिकारों का उल्लंघन किया गया।

हालांकि, प्रतिवादियों की ओर से पेश अधिवक्ता ब्लेज़ के जोस ने उपरोक्त दावों का जोरदार खंडन किया।

कोर्ट ने पहले एकल न्यायाधीश के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

केस का शीर्षक: सचिव, भारत सरकार स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग बनाम किटेक्स गारमेंट्स लिमिटेड और अन्य

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