हेट स्पीच मामले में अग्रिम जमानत रद्द होने के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे BJP नेता

Update: 2025-07-08 10:05 GMT

केरल सरकार ने मुसलमानों के खिलाफ कथित बयानों को लेकर 2022 में नफरत फैलाने वाले भाषण (Hate Speech) के मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता पीसी जॉर्ज को दी गई अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया।

उन्हें इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि वे इसी तरह के अपराध नहीं करेंगे या भड़काऊ बयान नहीं देंगे।

राज्य का आरोप है कि जॉर्ज ने चैनल डिबेट के दौरान समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण में शामिल होकर जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया। उन पर समुदाय की तुलना आतंकवादियों से करने का आरोप है। उनके खिलाफ नई FIR के तहत BNS के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।

जॉर्ज ने दावा किया कि उन्होंने समुदाय के खिलाफ दुर्भावना को बढ़ावा देने के इरादे से बयान नहीं दिया और उन्हें सह-पैनलिस्ट द्वारा "उकसाया" गया।

हाईकोर्ट ने पहले ही 2025 की FIR में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।

पलारीवट्टोम पुलिस स्टेशन के एसएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर) द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया। राज्य अब 2022 की FIR में उनकी अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग कर रहा है।

पलारीवट्टोम पुलिस स्टेशन में दर्ज 2022 की FIR में जॉर्ज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 ए [धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, आदि] और 295 ए [जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा] लगाया गया।

2025 की FIR एराट्टुपेट्टा पुलिस स्टेशन में BNS के संबंधित प्रावधानों- धारा 196(1)(ए) और धारा 299, और केरल पुलिस अधिनियम की धारा 12(ओ) के तहत दर्ज की गई।

Case Title: State of Kerala v. PC George

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