केरल प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित पदों के लिए आवेदन करने की अनुमति दी
तिरुवनंतपुरम में केरल प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने मंगलवार को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सशस्त्र पुलिस बटालियन में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज विभाग और पुलिस उप निरीक्षक (प्रशिक्षु) के तहत हाउस कीपर (महिला) के पदों के लिए आवेदन करने की अनुमति दी।
न्यायिक सदस्य जस्टिस पी.वी. आशा और प्रशासनिक सदस्य राजेश दीवान ने आवेदकों को अपने आवेदन जमा करने की अनुमति दी। इसके साथ ही कहा कि दोनों ही मामलों में, केरल लोक सेवा आयोग को अगले आदेशों के अधीन, अनंतिम आधार पर आवेदन को पूरी तरह से संसाधित करना चाहिए।
होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज विभाग के तहत हाउस कीपर (महिला) के पद के लिए आवेदन आमंत्रित करते हुए आयोग द्वारा पूर्व में एक अधिसूचना जारी की गई थी।
एक ट्रांस महिला अनीरा कबीर सी ने ट्रिब्यूनल को बताया कि अधिसूचना ने केवल महिला उम्मीदवारों को पद के लिए आवेदन करने की अनुमति दी थी, और जेंडर के कारण आवेदक को पीएससी की आधिकारिक वेबसाइट में अयोग्य दिखाया गया था।
आवेदक ने तर्क दिया कि अधिसूचना इस प्रकार मनमानी है और जेंडर के आधार पर भेदभाव करती है जो संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत निषिद्ध है।
आवेदकों के वकीलों ने प्रस्तुत किया कि पद के दायरे से ट्रांस महिलाओं का मनमाना बहिष्कार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019; ट्रांसजेंडर व्यक्ति (नियमों का संरक्षण), 2020; शीर्ष अदालत के विभिन्न निर्णय और केरल में ट्रांसजेंडर के लिए राज्य नीति, 2015 का उल्लंघन है।
वकीलों ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ और अन्य (2014), में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया जो भर्ती से संबंधित मामलों में थर्ड जेंडर श्रेणी को तराशने में सहायक था।
अर्जुन गीता द्वारा प्रस्तुत एक ऐसे ही आवेदन में सशस्त्र पुलिस बटालियन में पुलिस उप निरीक्षक (प्रशिक्षु) के पद के लिए ट्रांसजेंडर श्रेणी को एक अलग श्रेणी के रूप में आवेदन करने की अनुमति मांगी गई थी। और बाद की अधिसूचनाओं में विभिन्न श्रेणियों में पदों के लिए ट्रांसजेंडरों के लिए अलग अधिसूचना जारी करने की भी मांग की गई है।
दो मामलों में आवेदकों की ओर से वकील कलेश्वरम राज, थुलसी के. राज, जोगी मथुन्नी, चिन्नू मारिया एंटनी, अपर्णा मेनन, सिमरन, मंजिमा और शिल्पश्री पेश हुए।
केस टाइटल: अनीरा कबीर सी. बनाम केरल राज्य व अन्य और अर्जुन गीता बनाम केरल राज्य और अन्य।