कठुआ बलात्कार मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को मीडिया हाउस द्वारा जमा कराया गया जुर्माना जम्मू-कश्मीर लॉ सर्विस अथॉरिटी को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया

Update: 2023-02-16 09:33 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने रजिस्ट्रार जनरल को कठुआ बलात्कार पीड़िता के नाम का खुलासा करने के लिए जुर्माने के रूप में मीडिया हाउस द्वारा भुगतान की गई राशि को जम्मू-कश्मीर राज्य लॉ सर्विस अथॉरिटी द्वारा बनाए गए मुआवजा कोष में जमा करने का निर्देश दिया है।

हाईकोर्ट ने 2018 में बलात्कार के मामले की मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया और पाया कि पत्रकारों द्वारा पीड़िता के नाम की व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई। अदालत ने अपने ताजा आदेश में कहा कि घटना को पॉक्सों एक्ट की धारा 23 के साथ-साथ अधिनियम धारा 228A के विपरीत बताया गया।

चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा,

"घटना की रिपोर्टिंग का तरीका भी सार्वजनिक न्याय के खिलाफ है।"

अप्रैल 2018 में 16 मीडिया हाउस को नोटिस जारी किया गया। उन्हें अदालत ने जम्मू-कश्मीर राज्य लॉ सर्विस अथॉरिटी के साथ 10-10 लाख रुपये की राशि जमा करने का निर्देश दिया। बाद में मुआवजे के भुगतान के लिए पक्षकारों की कतार में और भी मीडिया हाउस शामिल हो गए।

जब इस मामले को 18 फरवरी 2020 को सूचीबद्ध किया गया तो अदालत को बताया गया कि अल जज़ीरा को अभी राशि जमा करनी है। कतर स्थित मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने इस सप्ताह की शुरुआत में अदालत को बताया कि उसे पहले नोटिस नहीं दिया गया। वकील ने यह भी कहा कि 10 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट तैयार है और इसे रजिस्ट्रार जनरल के पास जमा करने के लिए समय मांगा गया।

चूंकि सभी मीडिया हाउस ने पहले जारी किए गए निर्देशों का अनुपालन किया, इसलिए स्वत: संज्ञान कार्यवाही बंद करते हुए अदालत ने कहा,

"इस न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया जाता है कि वर्तमान मामले में प्रतिवादी नंबर 8, 28 और अन्य प्रतिवादियों द्वारा जमा की गई राशि को ट्रांसफर करें। अगर ऐसी कोई राशि अभी भी न्यायालय के पास पड़ी है तो जम्मू और कश्मीर राज्य लॉ सर्विस अथॉरिटी द्वारा बनाए गए पीड़ित मुआवजा कोष में यौन हिंसा के पीड़ितों/पीड़ितों के परिवारों को ट्रांसफर करें।"

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