कासगंज हिरासत में मौत: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अल्ताफ के पिता की सीबीआई जांच और एक करोड़ मुआवजे की मांग वाली याचिका पर एसपी से जवाब मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को कासगंज हिरासत में मौत के पीड़ित अल्ताफ के पिता की याचिका पर कासगंज के पुलिस अधीक्षक से दस दिनों के भीतर जवाब मांगा।
इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए चांद मियां (पीड़ित के पिता) द्वारा याचिका दायर की गई। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया कि अल्ताफ ने खुद को दो से तीन फीट पाइप से बांधकर आत्महत्या कर ली थी।
याचिकाकर्ता ने वैकल्पिक रूप से मामले की जांच के लिए कोर्ट मॉनिटरिंग स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के गठन के लिए निर्देश देने की मांग की। साथ ही इस मामले में शामिल रहे सभी संबंधित पुलिस अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
याचिकाकर्ता ने एक करोड़ रुपये के मुआवजे की भी मांग की है, क्योंकि राज्य याचिकाकर्ता के बेटे की हिरासत में मौत को रोकने में विफल रहा।
जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कासगंज के पुलिस अधीक्षक (एसपी) से दस दिनों के भीतर मामले में जवाब/हलफनामा दाखिल करने को कहा।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार और अन्य लोगों से पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) द्वारा फास्ट-ट्रैक विशेष पुलिस न्यायालयों की स्थापना की मांग करने वाली याचिका पर जवाब मांगा था।
पीयूसीएल की याचिका कासगंज कस्टोडियल डेथ केस की पृष्ठभूमि में दायर की गई है। पीयूसीएल ने कासगंज कस्टियल डेथ पीड़ित अल्ताफ के शरीर पर दूसरा पोस्टमॉर्टम की भी मांग की है।
मामले की पृष्ठभूमि
अल्ताफ नौ नवंबर को पुलिस स्टेशन में मृत पाया गया था। पुलिस ने दावा किया कि उसने अपने जैकेट के हुड से एक शौचालय में पानी के पाइप से लटकर खुद को फांसी लगा ली। उक्त पाइप जमीन से दो फीट की ऊंचाई पर था।
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में एक नाबालिग लड़की के "गायब" होने के आरोप में 22 वर्षीय अल्ताफ को यूपी पुलिस ने हिरासत में लिया था। हालांकि, लड़की को बाद में कासगंज रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया गया था।
अल्ताफ की मौत के मामले में कासगंज थाने में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। यूपी के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि हिरासत में हुई मौत की विभागीय जांच और मजिस्ट्रेट जांच एक साथ की जा रही है।
याचिकाकर्ता/चांद मियां की ओर से वकील अली कंबर जैदी, मोहम्मद दानिश और कुमैल हैदर पेश हुए।
केस का शीर्षक - चांद मियां बनाम स्टेट ऑफ यूपी और पांच अन्य
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