संविधान दिवस समारोह में डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर न रखने के आरोपी अधिकारी के निलंबन पर लगी रोक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार (8 जुलाई) को अंतरिम आदेश में कर्नाटक राज्य विधान परिषद में कार्यरत उप सचिव के.जे. जलजाक्षी के निलंबन पर रोक लगा दी। उन पर आरोप है कि उन्होंने 26.11.2024 को आयोजित संविधान दिवस समारोह में डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर नहीं रखी थी।
जस्टिस एच.टी. नरेंद्र प्रसाद ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जलजाक्षी की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अंतरिम आदेश पारित किया और अगली सुनवाई तक निलंबन आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी।
हाईकोर्ट ने आगे स्पष्ट किया कि अंतरिम आदेश, कानून के अनुसार, याचिकाकर्ता के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने में सक्षम प्राधिकारी के आड़े नहीं आएगा।
4 जुलाई, 2025 का निलंबन आदेश, याचिकाकर्ता के विरुद्ध विभागीय जांच लंबित रहने तक कर्नाटक सिविल सेवा (सीसीए) नियम 1957 के नियम 10 (1) (डी) के तहत जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता ने अपने कर्तव्य में घोर लापरवाही बरती है।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उसे निर्धारित पूरे समारोह का संचालन करने या उसकी अनदेखी करने का कोई अधिकार नहीं था। उसने कहा कि निलंबन आदेश में समारोह में याचिकाकर्ता को सौंपी गई ज़िम्मेदारी के बारे में कुछ नहीं कहा गया। इसलिए यह आदेश विवेकहीनता का प्रतीक है। यह तर्क दिया गया कि यह आदेश याचिकाकर्ता को संयुक्त सचिव के पद पर पदोन्नति से बचाने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से पारित किया गया।
याचिकाकर्ता ने आगे दावा किया कि यद्यपि विधान परिषद के सचिव और संयुक्त सचिव समारोह में उपस्थित थे। इसकी देखरेख कर रहे थे, फिर भी उच्च अधिकारी होने के नाते उन्हें किसी भी कार्रवाई से बाहर रखा गया।
याचिका में दावा किया गया कि सिर्फ़ इसलिए कि याचिकाकर्ता प्रतिवादी-विधान परिषद का पदाधिकारी है, शिकायतकर्ता या प्राधिकारियों के लिए यह पर्याप्त नहीं है कि वे इस तथ्य पर गौर किए बिना याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ कार्रवाई करें कि क्या याचिकाकर्ता किसी भी तरह से समारोह का संचालन या प्रबंधन करने के लिए ज़िम्मेदार है।
याचिका में निलंबन आदेश रद्द करने की प्रार्थना की गई।
Case Title: K J Jaljakshi AND The Honourable Chairman