'कोई सूचित सहमति नहीं' : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र और NIC को ' आरोग्य सेतु' के जरिए एकत्रित प्रतिक्रिया डेटा को साझा करने से रोका

Update: 2021-01-25 10:27 GMT

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र को किसी व्यक्ति द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया डेटा को 'आरोग्य सेतु' (COVID-19 के मद्देनज़र विकसित सरकार के संपर्क-ट्रेसिंग ऐप) अन्य सरकारी विभागों और एजेंसियों से साझा करने से रोक दिया।

मुख्य न्यायाधीश ए एस ओका और न्यायमूर्ति विश्वजीत शेट्टी की पीठ ने यह आदेश पारित करते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या,

 "प्रतिक्रिया डेटा साझा करने के लिए उपयोगकर्ताओं की कोई सूचित सहमति नहीं ली गई थी जैसा कि आरोग्य सेतु प्रोटोकॉल 2020 में प्रदान किया गया है।"

पीठ ने उल्लेख किया कि उपयोगकर्ता की सूचित सहमति जानकारी के संग्रह और तरीके तक सीमित है जो निजता नीति में प्रदान की गई है जो ऐप पर उपलब्ध है।

पीठ ने केंद्र सरकार के इस आश्वासन को भी दर्ज किया कि वह केवल इस आधार पर किसी नागरिक को किसी लाभ या सेवाओं से इनकार नहीं करेगी कि उसने आरोग्य सेतु ऐप नहीं लगाया है।

साइबर सुरक्षा एक्टिविस्ट अनिवार अरविंद द्वारा नागरिकों पर 'आरोग्य सेतु' ऐप लगाने को निजता के अधिकार के उल्लंघन के आधार पर चुनौती को लेकर दायर एक रिट याचिका में यह आदेश पारित किया गया।

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