कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्विटर मामले की सुनवाई स्थगित करने के केंद्र के बार-बार अनुरोध पर नाराजगी जताई

Update: 2023-01-10 06:11 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा कुछ यूजर्स अकाउंट को ब्लॉक करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों को चुनौती देने वाली ट्विटर द्वारा दायर याचिका को स्थगित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बार-बार किए गए अनुरोधों पर नाराजगी व्यक्त की।

केंद्र सरकार के वकील कुमार एमएन ने सुनवाई को 27 जनवरी या 3 फरवरी तक के लिए स्थगित करने की मांग की।

अदालत ने अनुरोध की सराहना किए बिना कहा,

“मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं। यह बहुत ही महत्वपूर्ण मामला है।”

जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा,

"हम सरकार के उस तरह के आदेश पर नहीं हैं ... लोग क्या सोचेंगे? ... आपने कितनी बार स्थगन लिया है, ऑर्डर शीट देखें।"

इसके अलावा, पीठ ने यह भी टिप्पणी की कि बार-बार स्थगन के कारण वह माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट की ओर से सीनियर एडवोकेट अरविंद दातार और अशोक हरनहल्ली द्वारा की गई दलीलों को भूल सकती है। हालांकि, अदालत ने कम समय का स्थगन दे दिया और मामले को 18 जनवरी को अगली सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया। इसके साथ ही केंद्र सरकार को अगली तारीख पर अपनी दलीलें देने के लिए मौखिक निर्देश दिया।

27 अक्टूबर को पिछली सुनवाई में ट्विटर ने तर्क दिया कि कुछ यूजर्स अकाउंट को अवरुद्ध करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उसे जारी किए गए आदेश उन यूजर्स के फ्री स्पीच और अभिव्यक्ति के अधिकार को सीधे प्रभावित करते हैं। इस प्रकार, आदेशों को उन्हें सूचित किया जाना चाहिए।

उस दिन सीनियर एडवोकेट हरनहल्ली ने यह कहकर कंपनी के लिए दलीलें समाप्त कीं कि "जब तक सामग्री आईटी अधिनियम की धारा 69 (ए) में उल्लिखित आधारों का उल्लंघन नहीं करती है, तब तक सर्वव्यापी सामान्य अवरोधन आदेश नहीं हो सकता। इसके साथ ही कहा कि वैधानिक प्रावधानों का कोई भी उल्लंघन राज्य द्वारा सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत कानून के समक्ष प्रभावित पक्ष के समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।

इसके बाद अदालत ने 16 नवंबर, 2022 को केंद्र सरकार के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनने के लिए मामले को पोस्ट किया, लेकिन फिर समय मांगा गया और सुनवाई 9 जनवरी के लिए स्थगित कर दी गई।

केस टाइटल: ट्विटर, इंक बनाम भारत संघ

केस नंबर : डब्ल्यूपी 13710/2022

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