राजकुमार राव को बड़ी राहत: धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाई
बॉलीवुड एक्टर राजकुमार राव को धार्मिक भावनाएँ आहत करने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से राहत मिली। अदालत ने जालंधर की ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई अब 10 दिसंबर तक स्थगित कर दी।
यह मामला साल 2017 का है, जब फिल्म "बहन होगी तेरी" के प्रमोशन के दौरान फिल्म निर्माता ने राजकुमार राव की एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें वह भगवान शिव के वेश में मोटरसाइकिल पर बैठे दिखाई दिए।
इस पर आपत्ति जताते हुए जालंधर में IPC की धारा 295A (धार्मिक भावनाएँ आहत करना), 120B (आपराधिक साजिश) और IT Act की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। हाल ही में एक्टर ने जालंधर की अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानत हासिल की थी।
राजकुमार राव की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट पुनीत बाली ने दलील दी कि फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने विधिवत जाँचकर प्रमाणित किया है। ऐसे में यह छवि कलात्मक अभिव्यक्ति और रचनात्मक स्वतंत्रता के दायरे में आती है। इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से नहीं जोड़ा जा सकता।
वहीं राज्य सरकार के वकील ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत सभी को प्राप्त है, लेकिन यह स्वतंत्रता पूर्ण नहीं है और उस पर संवेदनशील धार्मिक भावनाओं को आहत न करने की जिम्मेदारी भी है। भगवान शिव को इस तरह "कार्टूनिस्ट अंदाज" में प्रस्तुत करना करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुँचाता है।
जस्टिस यशवीर सिंह राठौर ने कहा कि अगली सुनवाई तक राजकुमार राव के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही स्थगित रहेगी।