जूनियर हेल्थ इंस्पेक्टर ने सामूहिक रूप से कुत्ते को मारने के मामले में केरल हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मांगी
त्रिक्काकारा नगर पालिका के एक जूनियर हेल्थ इंस्पेक्टर ने अग्रिम जमानत के लिए केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
जूनियर हेल्थ इंस्पेक्टर पर सौ से अधिक आवारा कुत्तों को मारने का आरोप है।
याचिकाकर्ता इस मामले में पांचवां आरोपी है, जहां एक साल से भी कम समय में सौ से अधिक आवारा कुत्तों को जहर देकर मौत के घाट उतार दिया गया था। इसके लिए उन्हें थ्रीक्काकारा नगर पालिका के अपशिष्ट यार्ड में फेंक दिया गया था।
मामले की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि नगर पालिका के निर्देश पर ही चार सदस्यों के एक गिरोह ने कथित तौर पर इस नृशंस कृत्य को अंजाम दिया था।
पुलिस द्वारा दर्ज बयानों के अनुसार, याचिकाकर्ता कथित तौर पर कुत्ते पकड़ने वालों को बुलाने और आवारा कुत्तों को मारने के लिए जहर की आपूर्ति करने के लिए जिम्मेदार था। इन्फोपार्क पुलिस द्वारा नगर पालिका सचिव को सीआरपीसी की धारा 66 के तहत समन जारी करने के बाद उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया और उन्हें पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा।
आवेदन में दावा किया गया है कि याचिकाकर्ता के पास एक बेदाग सेवा रिकॉर्ड है और उसने थ्रिकाक्कारा नगर पालिका में शामिल होने से पहले दो अलग-अलग निगमों में काम किया है।
यह स्वीकार किया गया है कि आम जनता से क्षेत्र में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या के कारण होने वाली कठिनाइयों के संबंध में नगर पालिका को कई शिकायतें मिली थीं। हालांकि, उठाए गए तर्कों के अनुसार, कुत्तों को मारने का निर्णय आवेदक द्वारा नहीं किया गया था।
आवेदन में उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष अजिता थंकप्पन और सचिव और स्वास्थ्य स्थायी समिति के अध्यक्ष राशिद उल्लमपल्ली पर आवारा कुत्तों को मारने का फैसला करने का आरोप लगाया है। यह कथित निर्णय स्थायी समिति के साथ एक बैठक में लिया गया था, जहां अध्यक्ष ने घोषणा की थी कि आवारा कुत्तों को या तो मारा जाना चाहिए या क्षेत्र से हटा दिया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने इसके साथ ही सचिव पर डॉग कैचर्स को भुगतान करने और आकस्मिक खर्चों को पूरा करने के लिए नगर पालिका से धन निकालने का आरोप लगाया है।
आवेदनों में सचिव और अध्यक्ष पर कई आरोप लगाए गए हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उपरोक्त अधिकारियों को बचाने के लिए उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व एडवोकेट दीपू थंकान करेंगे।
केस शीर्षक: साजिकुमार एएम बनाम केरल राज्य