पाकिस्तानी महिला से ऑनलाइन शादी कानूनन मान्य है या नहीं?: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने CRPF जवान के विवाह पर उठाए सवाल
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीमा-पार ऑनलाइन विवाह और वीजा विवाद से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए सेवारत CRPF जवान और पाकिस्तानी महिला के बीच हुई ऑनलाइन शादी की वैधता पर सवाल उठाए।
जस्टिस राहुल भारती ने यह आदेश मुनीर अहमद नामक CRPF जवान और उसकी पाकिस्तानी पत्नी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
पूरा मामला
पाकिस्तानी पत्नी पर्यटक वीजा पर भारत आई थी, जो 22 मार्च, 2025 को समाप्त हो चुका है। अब उसके भारत में रुकने को लेकर कानूनी संकट खड़ा हो गया है। इस जोड़े ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन निकाह किया था। निकाह के वक्त पति भारत में और पत्नी पाकिस्तान में मौजूद थी। उन्होंने एक निकाहनामा भी कोर्ट में पेश किया, जिसमें विवाह स्थल हंडवाल, जम्मू दर्ज है।
कोर्ट की टिप्पणी
जज ने कहा कि विवाह स्थल और उसके संपन्न होने के तरीके में विरोधाभास है।
कोर्ट ने इस तरह के ऑनलाइन विवाह को लेकर गंभीर कानूनी प्रश्न उठाए और कहा,
"क्या इस प्रकार की शादी कानून की नजर में मान्य है या नहीं, यह भारत सरकार का विचारणीय विषय है।"
सुरक्षा स्थिति का प्रभाव:
हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत के बाद भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को जारी अल्पकालिक वीजा रद्द कर दिए। इसी के चलते याचिकाकर्ता पत्नी की भारत में मौजूदगी संदेह के घेरे में आ गई।
याचिकाकर्ताओं का पक्ष:
उन्होंने कहा कि उन्होंने दीर्घकालिक वीजा (Long-Term Visa) के लिए आवेदन कर रखा है, जो गृह मंत्रालय की 2014 की नीति के तहत किया गया है। लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसे वीजा देने का निर्णय भारत सरकार के विवेक पर निर्भर करता है।
कोर्ट ने कहा,
"फिलहाल याचिकाकर्ता नंबर 2 (पत्नी) एक पाकिस्तानी नागरिक है, जो अल्पकालिक वीजा पर भारत आई थी और वह वीजा अब समाप्त हो चुका है।"
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तानी पत्नी का मामला भारत सरकार के विचाराधीन है और जब भी निर्णय होगा, वह उसी के अनुसार लाभार्थी या गैर-लाभार्थी मानी जाएगी।
फिलहाल-कोर्ट ने सरकारी पक्ष को नोटिस जारी करते हुए दस दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
मामले की अगली सुनवाई की तारीख 14 मई 2025 तय की गई।
हालांकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब तक अंतिम फैसला नहीं आ जाता, पत्नी को भारत से निकाला नहीं जाएगा।
केस टाइटल: मुनीर अहमद बनाम भारत संघ