मुंबई कोर्ट ने चलती ट्रेन में गोली चलाने के लिए RPF कांस्टेबल के खिलाफ हत्या का आरोप तय किया
रेलवे पुलिस बल (RPF) के कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी द्वारा चलती यात्री ट्रेन में गोली चलाकर तीन लोगों की हत्या करने के कुख्यात मामले मे घटनाक्रम में मुंबई की एक अदालत ने इस सप्ताह की शुरुआत में उनके खिलाफ हत्या का आरोप तय किया।
31 जुलाई, 2023 को जयपुर-मुंबई ट्रेन में एस्कॉर्ट ड्यूटी पर तैनात अपने सीनियर और दो यात्रियों को गोली मारने वाले सिंह ने दोषी नहीं होने का अनुरोध किया।
एडिशनल सेशन जज एनएल मोरे ने भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत दंडनीय हत्या के आरोप तय किए और रेलवे अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के विभिन्न प्रासंगिक प्रावधानों को भी लागू किया।
इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए सिंह के वकील अमित मिश्रा ने लाइव लॉ को बताया कि उनके मुवक्किल को अदालत में लाया गया और जज मोरे ने उन आरोपों को पढ़ा, जिनके तहत उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।
वकील ने कहा,
"शुरू में उसने दोषी होने की दलील दी, लेकिन बाद में अपने परिवार और हमसे बात करने के बाद उसने खुद को निर्दोष बताया।"
मामले की सुनवाई अब 20 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई, जिससे अभियोजन पक्ष मामले में मुकदमा शुरू कर सके।
मिश्रा ने कहा,
"अभियोजन पक्ष सिंह के खिलाफ जांच करने के लिए गवाहों की एक सूची और उन सबूतों की सूची सौंपेगा जिन पर वह भरोसा करता है।"
अभियोजन पक्ष के अनुसार, सिंह उस दिन एस्कॉर्ट ड्यूटी पर था और जैसे ही ट्रेन मुंबई में दाखिल हुई, उसने अपनी राइफल से 20 राउंड फायर किए, जिसमें सीनियर सहायक उपनिरीक्षक टीकाराम मीना और यात्री कादरभाई बानापुरवाला, सैफुद्दीन सैय्यद और असगर अब्बास की मौत हो गई।
उस पर यात्रियों की हत्या करने से पहले उनके खिलाफ सांप्रदायिक गालियां देने का आरोप है।