टीकाकरण प्रमाण पत्र पर गलत तारीख और स्थान: केरल उच्च न्यायालय ने जांच का निर्देश दिया

Update: 2021-09-23 13:05 GMT

केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट में गुरुवार को एक मामले में जांच के निर्देश दिए, जिसमें याचिकाकर्ता की दूसरी दूसरी खुराक के लिए जारी COVID-19 टीकाकरण प्रमाण पत्र पर गलत तारीख और स्‍थान प्रदर्शिंत किया गया था। केरल हाईकोर्ट में निर्देश दिया है कि यह जांच की जाए‌ कि यह वास्‍तविक गलती है या किसी की शरारत है।

जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने टिप्पणी की कि यदि प्रमाण पत्र पर गलत विवरण किसी भी प्रकार की शरारत का परिणाम पाया जाता है, तो ऐसी घटना में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, "अगर यह एक गलती थी, तो यह समझ में आता है और सुधार के साथ एक नया प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है। हालांकि, अगर यह अन्यथा थी, अगर कुछ गड़बड़ है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।"

एर्नाकुलम जिला चिकित्सा अधिकारी को जांच करने के लिए एक निर्देश जारी किया गया है क्योंकि जिस स्थान का उल्लेख किया गया है वह उक्त जिले में एक टीकाकरण केंद्र था। केपी जॉन द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया गया, जिन्होंने दूसरी खुराक के बाद जारी टीकाकरण प्रमाण पत्र पर गलत विवरण का आरोप लगाया था।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट सी दिलीप और एडवोकेट अनुष्का विजयकुमार ने एक सही टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की। उन्होंने यह भी दावा किया कि डीएमओ को एक पत्र भेजा गया था और उस अस्पताल को कानूनी नोटिस भेजा गया था, जहां टीकाकरण केंद्र स्थित था और प्रमाण पत्र में सुधार की मांग की गई थी।

हालांकि, याचिकाकर्ता को उक्त अधिकारियों की ओर से आज तक जारी कार्रवाई के कारण अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। पीठ को यह भी बताया गया कि याचिकाकर्ता को पहली खुराक मार्च में और दूसरी अप्रैल में मिली थी और दोनों अलुवा के एक टीकाकरण केंद्र से मिली थी, और वह कभी भी एर्नाकुलम नहीं गया था।

हालांकि, जब जुलाई में टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी किया गया था, तो प्रमाण पत्र ने प्रदर्शित किया कि दूसरी खुराक जुलाई में एर्नाकुलम में दी गई थी। मामले को एक सप्ताह के बाद आगे के विचार के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

केस शीर्षक: केपी जॉन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया

Tags:    

Similar News