हिजाब बैन: कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपलोड किया कॉलेजों में धार्मिक कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने का अंतरिम आदेश

Update: 2022-02-11 07:02 GMT

Karnataka High Court

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को शैक्षणिक संस्‍थानों में हिजाब बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर पारित अंतरिम आदेश को अपलोड किया।

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार को शैक्षणिक संस्थानों को जल्द से जल्द फिर से खोलने का अनुरोध किया था। साथ ही मामले के सुनवाई लंबित रहने तक स्टूडेंट्स को धार्मिक कपड़े पहनने से रोक दिया है। अंतरिम आदेश केवल उन संस्थानों पर लागू किया गया है, जिन्होंने एक समान ड्रेस कोड निर्धारित किया है।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "इन सभी याचिकाओं पर विचार किए जाने तक, हम सभी छात्रों को उनके धर्म या आस्था पर विचार किए बिना भगवा स्टॉल और इससे जुड़े मामले में स्कार्फ, हिजाब, धार्मिक झंडे आदि को कक्षा के भीतर पहनने से रोकते हैं।" .

कोर्ट ने आगे स्पष्ट किया, "हम यह स्पष्ट करते हैं कि यह आदेश उन संस्थानों तक ही सीमित है, जहां कॉलेज विकास समितियों ने ड्रेस कोड/यूनिफॉर्म निर्धारित किया है।"

कोर्ट ने कहा कि शिक्षा के लिए शर्तों को बढ़ाना छात्रों के करियर के लिए हानिकारक होगा और यह स्टूडेंट्स के सर्वोत्तम हित में है कि वे धार्मिक कपड़ों के मुद्दे पर आंदोलन जारी रखने के बजाय कक्षाओं में लौट आएं।

याचिकाओं पर सुनवाई सोमवार (14 फरवरी) को दोपहर 2.30 बजे से जारी रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम आदेश को चुनौती

वहीं, हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई है। चुनौतीकर्ताओं का तर्क है कि आदेश धर्म पालन के मौलिक अधिकार के प्रभावी निलंबन के बराबर है।

वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की तत्काल सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के समक्ष याचिकाओं का उल्लेख किया। सीजेआई ने कहा कि चूंकि हाईकोर्ट पहले ही इस मामले पर सुनवाई कर रहा है, इसल‌िए सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर "उचित समय" पर विचार करेगा।


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