हाईकोर्ट ने किसानों द्वारा गैस पाइपलाइन परियोजना को रोकने के खिलाफ गुजरात राज्य पेट्रोनेट के प्रतिनिधित्व पर पंजाब सरकार को निर्णय लेने का निर्देश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब सरकार को निर्देश दिया कि वह गुजरात राज्य पेट्रोनेट लिमिटेड, गुजरात सरकार के स्वामित्व वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम द्वारा पेश किए गए अभ्यावेदन पर फैसला करे, जो केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत बठिंडा-जम्मू गैस पाइपलाइन परियोजना मेहसाणा के कार्यान्वयन में समर्थन देने में स्थानीय अधिकारियों की विफलता के खिलाफ है।
जस्टिस अमन चौधरी की एकल पीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा,
"सीमित प्रार्थना के मद्देनजर और मामले की योग्यता पर कोई राय व्यक्त किए बिना इस याचिका को प्रतिवादी नंबर के लिए अभ्यावेदन पर गौर करने के निर्देश के साथ निपटाया जाता है... और कानून के अनुसार, इस पर आज से 03 सप्ताह की अवधि के भीतर शीघ्रता से निर्णय लिए जाने का निर्देश दिया जाता है।
जीएसपीएल ने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत याचिका दायर कर कंपनी और उसके कर्मचारियों को उचित सुरक्षा के लिए पुलिस और बठिंडा प्रशासन को निर्देश जारी करने की प्रार्थना करते हुए हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया, जिससे वे प्राकृतिक गैस के परिवहन के उद्देश्य के लिए पाइप लाइन बिछाने का कार्य कर सकें।
कंपनी का प्रतिनिधित्व सीनियर एडवोकेट बिपन घई ने किया और याचिका एडवोकेट अनुपम भनोट और निखिल घई के माध्यम से दायर की गई।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार के अनुमोदन दिनांक 04.01.2017 के अनुसार, कंपनी को पेट्रोलियम और खनिज पाइपलाइन (भूमि अधिनियम में सही उपयोगकर्ता का अधिग्रहण), 1962 के अनुसार पूरे पंजाब में पाइपलाइन बिछाने की मंजूरी दी गई है, जिसे आगे बढ़ाने का काम शुरू हो गया।
कंपनी ने आरोप लगाया कि हालांकि, पंजाब के बठिंडा क्षेत्र में बाजार मूल्य से अधिक मुआवजे का भुगतान करने के बाद भी किसान अपने खेतों में पाइपलाइन नहीं डालने दे रहे हैं।
जीएसपीएल के अनुसार, पिछले अवसर पर स्थानीय अधिकारियों को अभ्यावेदन दिया गया। हालांकि, उनका जवाब नहीं दिया गया।
याचिका में कहा गया,
"विभिन्न अभ्यावेदन और पत्र लिखने के बावजूद, स्थानीय प्रशासन पंजाब में गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए कोई मदद या सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं है।"
याचिका के अनुसार, किसान कथित रूप से अनुचित मांग कर रहे हैं। साथ ही अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले कर्मचारियों को मारने और कंपनी के वाहनों को जलाने की धमकी दे रहे हैं।
केस टाइटल: जीएसपीएल इंडिया गैसनेट लिमिटेड और अन्य बनाम पंजाब राज्य और अन्य
साइटेशन: सीआरएम-एम-375-2023 (ओ एंड एम)
कोरम: जस्टिस अमन चौधरी
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