हरियाणा सरकार ने 4485 दोषियों की पैरोल को बढ़ाने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश को स्वीकार किया
न्यायमूर्ति श्रीमती दया चौधरी, न्यायाधीश पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में उच्चाधिकार समिति द्वारा 4,585 दोषियों/अपराधियों की अंतरिम जमानत पैरोल को बढ़ाने के लिए की गई सिफारिश को हरियाणा सरकार ने 12.11.2020 को अपनी अनुमति दे दी। इस बैठक में श्री राजीव अरोड़ा, IAS, सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा, गृह विभाग, श्री के. सेल्वराज, IPS, जेलों के महानिदेशक, हरियाणा और श्री प्रमोद गोयल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण शामिल थे।
राज्य स्तर पर इस उच्च अधिकार समिति (HPC) का गठन माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत 23.03.2020 को सुओ मोटो रिट याचिका पर आदेश देते हुए (सिविल) नंबर 1/2020-In RE में COVID-19 के चलते जेल में बंद दोषियो/अपराधियों के अंतरिम जमानत/पैरोल के लिए किया गया था:
मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए HPC ने 3,126 दोषियों की पैरोल / अंतरिम जमानत और 1,459 विचाराधीन कैदियोंं को HPC के निर्देशों के तहत 31.12.2020 तक की पैरोल / जमानत देने का फैसला किया। हालाँकि यदि मामले में पैरोल / अंतरिम के दुरुपयोग के बारे में कोई भी शिकायत दोषी / अंडर-ट्रायल के खिलाफ प्राप्त होती है तो अधिकारी पैरोल / अंतरिम जमानत को रद्द करने के लिए स्वतंत्र होंगे। इस संबंध में जेल अधिकारियों को तदनुसार आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देशित किया गया है।
इसके साथ ही जेल अधिकारियों को एक विस्तृत योजना प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है, जिसमें जघन्य अपराधों में शामिल ऐसे दोषियों को 12 दिसंबर 2020 तक आत्मसमर्पण को कहा जाए जिन्हें 7 साल से अधिक की सज़ा मिली है।
इस प्रकार के आत्मसमर्पण की योजना जेलों में प्रवेश के समय भीड़ को कम करने के लिए चरणबद्ध तरीके से आत्मसमर्पण करने को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाएगी। इसके लिए जेल अधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि जेलों में दोषियों के प्रवेश से पहले उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर उचित कदम उठाए जाएं।
इसके अलावा, महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाओं को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि सभी गिरफ्तार व्यक्तियों के COVID-19 के लिए रैपिड एंटीजन परीक्षण न्यायालयों में उन्हेंं पेश करने से पहले आयोजित किए जाएंं।