हरिद्वार धर्म संसद में विवादित टिप्पणी के लिए कोर्ट ने जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत खारिज की

Update: 2022-01-22 05:39 GMT

हरिद्वार कोर्ट ने गुरुवार को नफरत फैलाने वाले भाषण के आरोपी जितेंद्र त्यागी उर्फ ​​वसीम रिजवी को जमानत देने से इनकार कर दिया। जितेंद्र त्यागी को पैगंबर मोहम्मद साहब पर उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया है। उसने यह टिप्पणी पिछले महीने हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' के दौरान की थी।

त्यागी पर उत्तराखंड पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 153ए, 298, के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उसके खिलाफ पिछले महीने हरिद्वार में हुई 'धर्म संसद' या धार्मिक सभा के दौरान इस्लाम धर्म और पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक और भड़काऊ बयान देने के आरोप में यह मामला दर्ज किया गया।

हरिद्वार कोर्ट का आदेश

जांच अधिकारी ने स्थानीय अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि अभियुक्तों द्वारा सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाले एक विशेष धर्म के खिलाफ कई बयान दिए गए।

कोर्ट ने कहा कि केस डायरी के अनुसार, यह आरोप लगाया गया कि धर्म संसद की एक वीडियो रिकॉर्डिंग में त्यागी को यह कहते हुए देखा और सुना जा सकता है कि उसने मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी की।

इसके अलावा, कोर्ट ने कहा कि केस डायरी में यह उल्लेख किया गया कि आरोपी ने आगे कहा,

"इन कट्टरपंथी मुल्लाओं के दबाव में देवनगरी हरिद्वार में चार-पांच हजार मुल्ला और मस्जिदों के मौलवी अक्सर इकट्ठा होते हैं।"

कोर्ट ने अपने आदेश में दर्ज किया कि केस डायरी में कहा गया कि वीडियो में आरोपी ने एक विशेष धर्म के लोगों के बारे में कहा,

"अगर वे मैदान में आते हैं और हमारे साथ हथियारों से लड़ना चाहते हैं तो हम उसके लिए भी तैयार हैं।"

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि पूर्व में भी कथित तौर पर इसी तरह के कृत्यों को करने के लिए इसी तरह के अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अदालत ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा कि अभियोजन पक्ष ने उन अपराधों को दोहराने का आरोप लगाया, जिसके लिए उसे सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस दिया गया था।

मामले की गंभीरता और उसके खिलाफ आरोपों को देखते हुए अदालत ने उसे जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया।

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