ज्ञानवापी| वाराणसी की कोर्ट ने कथित 'शिव लिंग' टिप्पणी मामले में अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ मामला दर्ज करने की याचिका खारिज की
वाराणसी की एक अदालत ने बुधवार को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कथित रूप से पिछले साल वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए गए 'शिव लिंग' के खिलाफ कथित टिप्पणियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-V (सांसद-विधायक) उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत ने वाराणसी निवासी एडवोकेट हरिशंकर पांडेय की ओर सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत दायर आवेदन को खारिज कर दिया।
"अखिलेश यादव...और असदुद्दीन ओवैसी के कथित बयान के बारे में...यह कहना पर्याप्त है कि कानून और व्यवस्था की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य और उसकी एजेंसियों की है और ऐसा नहीं है कि केवल आवेदक को ही इसकी जानकारी है कि कथित घटना या बयान हुआ या नहीं। आवेदक ने पत्र भेजने के बारे में भी कहा है।
यदि राज्य और उसकी एजेंसी को कानून और व्यवस्था की स्थिति, हिंसा के लिए कोई उकसावा नहीं मिलता है, तो संलग्न आवेदन के अवलोकन के बाद कोई अन्य विशेष आधार प्रतीत नहीं होता है जो राज्य के उक्त निर्धारण के उल्लंघन को वांछनीय बनाता है।"
अदालत ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि कोई संज्ञेय अपराध नहीं दिखाया गया है।
गौरतलब है कि आवेदक ने अपने आवेदन में यादव और ओवैसी के खिलाफ कथित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (कथित 'शिव लिंग') के ढांचे के संबंध में 'विवादास्पद' टिप्पणी करके धार्मिक घृणा भड़काने के आरोप में मामला दर्ज करने की मांग की थी।
उनका मामला यह था कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव और ओवैसी, उनके भाई और कई अन्य लोग 'शिव लिंग' के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई थीं।