गुजरात हाईकोर्ट ने वर्चुअल सुनवाई के दौरान ड्रिंक्स पीने वाले पुलिसकर्मी को वकीलों को कोका-कोला के कैन बांटने का निर्देश दिया
गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को वर्चुअल सुनवाई के दौरान ड्रिंक्स पी रहे एक पुलिस अधिकारी को बार एसोसिएशन को कोल्ड ड्रिंक (कोका-कोला) के 100 कैन बांटने या अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने का निर्देश दिया।
चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष जे. शास्त्री की बेंच के सामने जब सुनवाई चल रही थी तो पुलिस इंस्पेक्टर ए.एम. राठौड़ वीसी सुनवाई के दौरान ड्रिंक्स पीते हुए पाए गए।
इंस्पेक्टर राठौर एक मामले की ऑनलाइन सुनवाई के लिए अदालत के सामने पेश हो रहे थे। इसमें उन पर ट्रैफिक जंक्शन पर दो महिलाओं के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया गया है।
चीफ जस्टिस अरविंद कुमार ने उन्हें शराब पीते हुए देखते हुए एजीपी डीएम देवनानी को बुलाया और उनसे पूछा,
"क्या यह एक अधिकारी है ... अगर वह अदालत में होता तो क्या वह कोका-कोला कैन लेकर आता?"
इस पर अगप देवनानी ने पीठ के समक्ष माफी मांगी। सीजे ने कहा कि अधिकारी को कोका-कोला के कैन से ड्रिंक्स पीते हुए देखा गया और वह सामग्री को लेकर निश्चित नहीं थे।
चीफ जस्टिस ने इसी तरह की एक अन्य घटना का उल्लेख करते हुए इस प्रकार टिप्पणी की:
"वास्तव में एक वकील समोसा खा रहा था। हमने कहा कि अगर आप समोसा खाते हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन एकमात्र आधार यह है कि आप इसे हमारे सामने नहीं खा सकते हैं, क्योंकि वह कृत्य दूसरों को भी ऐसा करने पर उकसाता हैं। या तो हम दूसरों को भी वैसा ही करने दें या उसे खाने से रोकें।"
इसके अलावा, अदालत ने इंस्पेक्टर ए.एम. राठौड़ को कोका-कोला के 100 कैन बार एसोसिएशन को वितरित करे अन्यथा उसके खिलाफ मुख्य सचिव को अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिए कहा जाएगा।
चीफ जस्टिस अरविंद कुमार ने कहा,
"हम राठौड़ को नहीं छोड़ेंगे.. इस राठौड़ को छोडेंगे नहीं.. वह और अधिक परेशानी में होंगे। उनसे इसे महाधिवक्ता के कार्यालय में वितरित करने के लिए कहें।"