सरकारी नौकरी सिर्फ सपना नहीं बल्कि विजेता होने का संकेत भी है; ठग लोगों की इस कमजोरी का फायदा उठा रहे हैं ठग: पीएंडएच हाईकोर्ट

Update: 2023-02-04 15:50 GMT

Punjab & Haryana High Court

भारतीय सेना में नौकरी दिलाने का झांसा देकर दूसरे व्यक्ति को ठगने के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि सरकारी नौकरी पाना सिर्फ एक सपना नहीं है बल्कि एक विजेता होने का संकेत भी है और लोगों की कमजोरी का फायदा ठग उठा रहे हैं।

सरकारी और निजी नौकरियों के बीच अंतर के बारे में अपनी राय स्पष्ट करते हुए ज‌स्टिस अनूप चितकारा की पीठ ने कहा, 

"... जमीनी हकीकत यह है कि सरकारी क्षेत्र और निजी क्षेत्र में निचले पायदान पर समकक्ष नौकरियों के वेतन में भारी अंतर है..। नतीजतन सरकारी नौकरी पाना सपना ही नहीं बल्कि विजेता और सफलता की निशानी भी है.."

अदालत दरअसल से आईपीसी की धारा 420 और 120-बी के तहत दर्ज अजीत सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कथित तौर पर, उसने और उसके साथी ने शिकायतकर्ता को लुभाया और उसे बताया कि वे भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं और उसके बेटे को भारतीय सेना में 5 लाख रुपये में नौकरी दिला सकते हैं।

शिकायतकर्ता ने उन्हें 3 लाख रुपये देने का फैसला किया। शेष राशि नौकरी प्रदान करने के बाद देनी ‌‌थी। उसके बाद, आरोपी/आवेदक ने वादे के अनुसार कोई नौकरी नहीं दी, और इस तरह उसने कथित तौर पर शिकायतकर्ता और उसके परिवार को ठगा।

गौरतलब है कि अदालत ने पाया कि इस मामले में शिकायतकर्ता कथित धोखाधड़ी के लिए भी कम जिम्मेदार नहीं था क्योंकि उसने सामान्य भर्ती प्रक्रिया को दरकिनार किया था और धोखाधड़ी और अवैध तरीकों से पैसे के लिए अपने बेटे के लिए नौकरी चाहता था।

हालांकि, अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा, "पूरी सामाजिक पृष्ठभूमि और अपराध की गंभीरता को देखते हुए, याचिकाकर्ता अग्रिम जमानत के लिए कोई मामला नहीं बनाता है। कार्य प्रणाली का पता लगाने के लिए हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है।"


केस टाइटलः अजीत सिंह बनाम पंजाब राज्य [CRM-M-21645-2022]

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