‘नए जमानत बांड प्रस्तुत करें,2 लाख का जुर्माना भरें’: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पाॅक्सो मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद दीपक चौरसिया को अंतरिम राहत दी

Update: 2023-02-22 10:30 GMT

Punjab & Haryana High Court

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को पाॅक्सो मामले में जी न्यूज के एंकर दीपक चौरसिया को अंतरिम राहत देते हुए उन्हें नया जमानत मुचलका भरने के लिए 3 मार्च को निचली अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

अदालत ने दीपक चौरसिया की उस याचिका पर यह आदेश पारित किया है, जिसमें गुरुग्राम पाॅक्सो कोर्ट के 4 फरवरी के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी। इस आदेश के तहत उनकी व्यक्तिगत पेशी से स्थायी छूट की मांग को खारिज कर दिया गया था और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए गए थे।

जस्टिस जगमोहन बंसल की पीठ ने कहा कि चौरसिया एक राष्ट्रीय समाचार चैनल के साथ एक वरिष्ठ पद पर काम कर रहे हैं और अभियोजन या शिकायतकर्ता का कोई ऐसा आरोप नहीं है कि याचिकाकर्ता की न्याय से भागने की कोई संभावना है।

चौरसिया को अंतरिम राहत देते हुए अदालत ने आगे कहा,

‘‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा प्रदत्त व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार हमारे संविधान द्वारा गारंटीकृत सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण मौलिक अधिकारों में से एक है। गिरफ्तारी न केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित करती है बल्कि मानसिक पीड़ा, तनाव और पूरे परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल करती है।’’

पीठ ने हालांकि चौरसिया पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है,जो पीजीआई, गरीब रोगी कल्याण कोष, चंडीगढ़ में जमा करवाना होगा। यह जुर्माना अदालतों के साथ-साथ अभियोजन पक्ष का बहुमूल्य समय और ऊर्जा बर्बाद करने के लिए लगाया गया है।

मामले की पृष्ठभूमि

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, गुरुग्राम शशि चौहान ने सुनवाई के दिन पेश न होने पर चौरसिया के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था क्योंकि सुनवाई के दिन (4 फरवरी) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पूर्व निर्धारित साक्षात्कार होने के कारण कथित रूप से चौरसिया अदालत में पेश नहीं हो पाए थे।

हालांकि उपस्थिति से व्यक्तिगत छूट की मांग करने वाला एक आवेदन उनके वकील द्वारा दायर किया गया था। अदालत ने कहा कि इस आवेदन का चौरसिया या उनके वकील के किसी भी हलफनामे द्वारा समर्थन नहीं किया गया था। न्यायालय ने यह भी नोट किया कि इस आवेदन को उनकी अनुपस्थिति को स्पष्ट करने वाले किसी ठोस दस्तावेजी प्रमाण के बिना दायर किया गया था।

इसके अलावा, अदालत ने चौरसिया के जमानत बांड और जमानतदार को भी रद्द कर दिया था और इसे राज्य के लिए जब्त कर लिया गया था। चौरसिया के खिलाफ 3 मार्च 2023 के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। सीआरपीसी की धारा 446 के तहत उनके जमानतदार को नोटिस भी जारी किया गया था।

यह दूसरी बार है जब उनके खिलाफ इस तरह का गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

अब उसी आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया,जहां उनकी तरफ से सीनियर एडवोकेट विनोद घई और एडवोकेट एडवर्ड ऑगस्टीन जॉर्ज ने तर्क दिया कि उनकी व्यस्तता यानी यूपी के सीएम के साक्षात्कार के कारण, वह ट्रायल कोर्ट के सामने पेश नहीं हो सके और पेशी से छूट की मांग की थी।

यह भी दलील दी गई कि याचिकाकर्ता इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की जानी-मानी हस्ती है और उसके न्याय से भागने की कोई संभावना नहीं है। वह मुकदमे में देरी नहीं करना चाहते हैं। वकीलों ने आगे कहा कि यदि उनकी अनुपस्थिति में आरोप तय करने और साक्ष्य दर्ज करने सहित कोई प्रतिकूल आदेश पारित किया जाता है तो वह कोई शिकायत नहीं करेंगे।

इसे देखते हुए, उन्हें अंतरिम राहत देते हुए अदालत ने उन्हें 3 मार्च को ट्रायल कोर्ट के समक्ष नए जमानत बांड भरने के लिए पेश होने का निर्देश दिया है।

इससे पहले, 28 अक्टूबर को गुरुग्राम कोर्ट ने इसी तरह का आदेश जारी किया था, जब चौरसिया ने गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर अपनी व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की थी। चूंकि उनके आवेदन को प्रासंगिक चिकित्सा रिपोर्ट द्वारा समर्थित नहीं किया गया था, इसलिए अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

चौरसिया उन आठ लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ दस साल की बच्ची और उसके परिवार के ‘‘संपादित’’,‘‘अश्लील’’ वीडियो प्रसारित करने और वीडियो को स्वयंभू संत आसाराम बापू के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले से जोड़ने के लिए चार्जशीट दायर की गई थी।

केस टाइटल -दीपक चौरसिया बनाम हरियाणा राज्य

आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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