एयर इंडिया हादसे की गलत रिपोर्टिंग पर पायलट संघ ने रॉयटर्स और WSJ को भेजा लीगल नोटिस, कहा- गैर-जिम्मेदार और अंदाजे पर आधारित खबर
भारत के 5,000 से अधिक पेशेवर पायलटों और एविएशन कर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाले रजिस्टर्ड संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों Reuters और The Wall Street Journal (WSJ) को कड़े शब्दों वाला कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस 12 जून, 2025 को अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया फ्लाइट 171 की कवरेज को लेकर जारी किया गया।
यह नोटिस APJ-SLG लॉ ऑफिसेज द्वारा भेजा गया। इसमें Reuters की 17 जुलाई को प्रकाशित रिपोर्ट "Air India crash probe shifts focus on action of plane's captain WSJ reports का ज़िक्र किया गया। FIP का आरोप है कि इस रिपोर्ट में कल्पनात्मक और अपुष्ट स्रोतों के आधार पर पायलटों के आचरण को लेकर निष्कर्ष निकाले गए हैं, जो न तो किसी आधिकारिक जांच रिपोर्ट में दर्ज हैं और न ही किसी सक्षम प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित किए गए।
WSJ की रिपोर्ट “New Details in Air India Crash Probe Shift Focus to Senior Pilot” पर भी FIP ने कड़ा ऐतराज़ जताया।
गौरतलब है कि कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर दोनों ही FIP के सदस्य थे। 260 लोगों के साथ इस भयावह हादसे में मारे गए। इस दुर्घटना की जांच वर्तमान में Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) और अन्य वैधानिक एजेंसियों द्वारा की जा रही है।
FIP द्वारा भेजे गए नोटिस में AAIB के 17 जुलाई को जारी आधिकारिक बयान का हवाला देते हुए कहा गया कि अनियंत्रित और अपुष्ट रिपोर्टिंग से जनता में बेवजह की चिंता और भ्रम फैलता है जबकि जांच अभी पूरी भी नहीं हुई।
AAIB ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा,
"इस स्तर की दुर्घटना ने जनसाधारण का ध्यान आकर्षित किया और दुखद भी है। फिर भी यह समझना आवश्यक है कि यह ऐसा समय नहीं है जब भारतीय विमानन उद्योग की सुरक्षा को लेकर बिना आधार के डर या आशंका फैलाई जाए।"
FIP ने चेतावनी दी है कि Reuters और WSJ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों को मृत पायलटों पर दोष मढ़ने से बचना चाहिए, खासकर जब कोई अंतिम जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
नोटिस में कहा गया कि ऐसी कल्पनात्मक रिपोर्टिंग मृत पायलटों की प्रतिष्ठा को गहरा और अपूरणीय नुकसान पहुंचाती है, जो अब अपनी सफाई तक नहीं दे सकते। इसके साथ ही, इससे पायलट समुदाय का मनोबल भी प्रभावित हुआ है जो पहले से ही अत्यधिक दबाव और ज़िम्मेदारी के तहत काम करता है।
इस पृष्ठभूमि में FIP ने दोनों मीडिया संस्थानों से निम्नलिखित मांगें की
1. ऐसी किसी भी रिपोर्टिंग से तुरंत विरत हों जो दुर्घटना के कारणों पर अनुमान लगाती हो या किसी व्यक्ति, विशेष रूप से मृत पायलटों पर दोष डालती हो।
2. 17 जुलाई 2025 की रिपोर्ट की समीक्षा करें और संशोधित करें जिसमें उपयुक्त अस्वीकरण जोड़ा जाए और वह सामग्री हटाई जाए जो किसी पर दोषारोपण करती हो।
3. एक स्पष्टीकरण जारी करें जिसमें यह स्वीकार किया जाए कि जांच एजेंसियों द्वारा कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं दिया गया है और रिपोर्ट माध्यमिक स्रोतों पर आधारित थी।
FIP ने चेतावनी दी है कि यदि ये शर्तें पूरी नहीं की गईं तो वे मानहानि मानसिक पीड़ा और प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए विधिक कार्रवाई करने को बाध्य होंगे।
इस हादसे में Air India का Boeing 787 Dreamliner विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें 260 से अधिक लोगों की जान ले गया। विमान B.J. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की मेस पर गिरा जिससे कई युवा मेडिकल स्टूडेंट्स के जीवन पर भी प्रभाव पड़ा।