शादी से पहले नपुंसकता का खुलासा करने में विफलता: मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस को धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया

Update: 2022-07-28 04:54 GMT

मद्रास हाईकोर्ट

पत्नी द्वारा दायर एफआईआर में बदलाव के लिए एक आवेदन की अनुमति देते हुए मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने हाल ही में प्रतिवादी पुलिस को आईपीसी की धारा 417 और 420 के तहत अपराध दर्ज करने का निर्देश दिया है, जिसने नपुंसकता का खुलासा न करके अपनी पत्नी को धोखा देने वाले पति के खिलाफ धोखाधड़ी (Cheating) का मामला दर्ज किया है।

मदुरै पीठ के जस्टिस वी शिवगनम ने प्रतिवादी पुलिस को पहले से मौजूद धारा 498-ए और 406 के साथ अपराधों को जोड़ने और जांच के बाद चार महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

कोर्ट प्रतिवादी पुलिस को मामले में धारा 417 और 420 के तहत अपराधों को जोड़ने और समाज कल्याण विभाग, मदुरै से रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद चार महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता पत्नी और आरोपी पति का विवाह दिनांक 04.04.2021 को हुआ था। आरोपी को लगभग 5,00,000 रुपये मूल्य की चीजों के साथ 200 सोने के गहने मिले थे।

याचिकाकर्ता के अनुसार, शादी के बाद उसे पता चला कि पति नपुंसक है और उसकी नपुंसकता के कारण उसकी पहली शादी असफल हो गई। पति और उसके परिवार ने पूरे तथ्य का खुलासा न कर याचिकाकर्ता के साथ धोखाधड़ी की थी।

इस स्थिति से निजात पाने के लिए पति ने तलाक कहकर तलाक दे दिया और अमेरिका चला गया। इससे व्यथित होकर याचिकाकर्ता ने शिकायत की और धारा 498-ए और 406 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज किया गया।

हालांकि आरोपों ने धोखाधड़ी के तथ्यों का खुलासा किया, धारा 417 और 420 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराधों को शुरू में शामिल नहीं किया गया था। इसी की मांग करते हुए वर्तमान याचिका दायर की गई थी।

प्रतिवादी राज्य ने प्रस्तुत किया कि शिकायत प्राप्त होने के बाद मामले को प्रारंभिक जांच के लिए समाज कल्याण विभाग को भेज दिया गया है। विभाग से रिपोर्ट मिलने के बाद ही एफआईआर में बदलाव पर विचार किया जा सकता है।

अदालत ने सामग्री पर विचार करने के बाद पाया कि आरोपी को अपनी नपुंसकता के कारण शादी की शुरुआत से ही अपनी पत्नी में कोई दिलचस्पी नहीं थी। यहां तक कि आरोपी के परिवार ने भी याचिकाकर्ता को तरह-तरह से प्रताड़ित किया था। आरोपी ने याचिकाकर्ता को अपनी नपुंसकता का खुलासा नहीं किया था और उसे विश्वास दिलाया था कि वह पति और पत्नी के रूप में एक सामान्य जीवन जीने के लिए एक सक्षम व्यक्ति है। इस प्रकार, उसने शिकायतकर्ता को धोखा दिया और उससे शादी कर ली।

शिकायतकर्ता द्वारा दी गई शिकायत के अवलोकन पर विवाह के समय पति की नपुंसकता का खुलासा न होने के बारे में स्पष्ट रूप से कहा गया और उसने शिकायतकर्ता को यह विश्वास दिलाया कि वह बिना खुलासा किए पति-पत्नी के रूप में सामान्य जीवन जीने के लिए एक सक्षम व्यक्ति है। इस तरह, आरोपी पति ने शिकायतकर्ता को धोखा दिया और उससे शादी करने के लिए कहा, जैसे कि वह शादी को पूरा करने के लिए सक्षम है।

उसी के मद्देनजर, अदालत याचिकाकर्ता की प्रार्थना को मानने के लिए इच्छुक थी और आरोप जोड़ने का निर्देश दिया।

केस टाइटल: इरफ़ाना नसरीन बनाम द स्टेट

साइटेशन: 2022 लाइव लॉ 320

याचिकाकर्ता के वकील: एडवोकेट एम.राधाकृष्णन

प्रतिवादी के लिए वकील: एडवोकेट आर सुरेश कुमार, सरकारी वकील (आपराधिक पक्ष)

फैसला पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:





Tags:    

Similar News