COVID 19 की वर्तमान स्थिति के कारण ICSE बोर्ड परीक्षा की अनुमति नहीं दी जा सकती: राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बॉम्बे उच्च न्यायालय को सूचित किया कि COVID -19 महामारी की मौजूदा स्थिति के कारण राज्य में आईसीएसई बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिवक्ता अरविंद तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
याचिकाकर्ता दसवीं कक्षा के छात्र के पिता भी हैं। उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में 2 जुलाई से होने वाली शेष आईसीएसई और आईएससी बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने और ग्रेडेशन और पिछले प्रदर्शन के आधार पर परिणाम घोषित करने के लिए निर्देश देने की मांग की।
महाधिवक्ता एए कुंभकोनी ने न्यायालय को सूचित किया कि 22 जून को आयोजित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में उक्त निर्णय लिया गया था।
अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय परीक्षा आयोजित नहीं करने का समान निर्णय उसी बैठक में लिया गया था।
स्कूल शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वंदना कृष्णा ने महाधिवक्ता को पत्र लिखकर उक्त निर्णय और अंतिम वर्ष के विश्वविद्यालय के छात्रों को परीक्षा नहीं देने के निर्णय के बारे में सूचित किया। पत्र में कहा गया है कि उपरोक्त जानकारी को उच्च न्यायालय को सूचित किया जाना चाहिए।
इसके अलावा, देश भर में आयोजित की जाने वाली सीबीएसई परीक्षाओं की स्थिति के बारे में, पीठ को सूचित किया गया कि एक मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है।
पिछली सुनवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा कि कक्षा 10 और 12 के छात्र चाहें तो ICSE की शेष बोर्ड परीक्षा से बाहर हो सकते हैं और उनके परीक्षा परिणाम प्री-बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर घोषित कर दिए जाएंगे।
न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता और न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की पीठ वक़ील अरविंद तिवारी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिका में 2 जुलाई से बोर्ड की जो शेष परीक्षा शुरू होनी है, उसे रद्द करने का निर्देश देने की माँग की गई है और छात्रों को पिछले प्रदर्शनों के आधार पर ग्रेड देने की मांग की गई है। इससे पूर्व, ICSE बोर्ड या CISCE ने ICSE बोर्ड की परीक्षा जो फ़रवरी-मार्च में होनी थी, कोरोना महामारी के कारण रोक दी गई थी।
वरिष्ठ वक़ील डारियस ख़मबट्टा ने काउंसिल के विभिन्न निर्णयों की जानकारी दी। छात्रों को कई सारे विकल्प दिए गए हैं। इनमें एक विकल्प है कि जो छात्र परीक्षा हॉल में जाकर परीक्षा नहीं देना चाहते हैं, उनका परीक्षा परिणाम प्री-बोर्ड में उनके प्राप्तांकों के आधार पर घोषित की जाएगी।