प्रयागराज में डेंगू का प्रकोप : इलाहाबाद हाईकोर्ट सरकारी दावों से असंतुष्ट, सीएमओ, डीएम को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए

Update: 2022-11-03 11:11 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रयागराज शहर में डेंगू बुखार से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए दावों से असंतुष्टता जाहिर करते हुए जिला मजिस्ट्रेट, नगर आयुक्त और मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज को अगली सुनवाई ( 4 नवंबर ) को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए।

मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की खंडपीठ ने प्रयागराज शहर में डेंगू बुखार के प्रसार से निपटने के लिए एक स्वत: जनहित याचिका पर विचार करते हुए आदेश दिया।

अपने आदेश में न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह डेंगू बुखार के प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए कदमों को निर्दिष्ट करने वाले स्थानीय अधिकारियों द्वारा किए गए लंबे दावों से संतुष्ट नहीं है।

इसके अलावा कोर्ट ने बार के अध्यक्ष, सीनियर एडवोकेट राधा कांत ओझा की सामान्य प्रतिक्रिया को भी ध्यान में रखा, जिसमें कहा गया कि अन्य निवारक कदमों के अलावा पूरे शहर में उचित फॉगिंग नहीं की जा रही है।

इसे देखते हुए कोर्ट ने जिलाधिकारी, नगर आयुक्त और मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज को 4 नवंबर 2022 को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया।

इससे पहले लखनऊ में डेंगू बुखार के प्रसार को ध्यान में रखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले महीने नगर निगम, लखनऊ को शहर में डेंगू बुखार के नियंत्रण और रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों को निर्दिष्ट करने का निर्देश दिया था।

मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और जस्टिस जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं से संबंधित एक जनहित याचिका में यह निर्देश जारी किया था।

ऑर्डर पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




Tags:    

Similar News