बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंगः कांग्रेस छात्र नेता के परीक्षा देने पर लगी रोक को रद्द करने के आदेश के खिलाफ दिल्ली यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की
Debarment of NUSI Leader Over The Screening Of BBC Documentary On PM Modi In Delhi University|
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने हाल ही में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग में पीएचडी स्कॉलर और एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव लोकेश चुघ की कथित संलिप्तता के संबंध में उन्हें एक वर्ष के लिए परीक्षा देने से रोकने के अपने फैसले को रद्द करने के एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस नजमी वजीरी की खंडपीठ ने यूनिवर्सिटी की अपील पर नोटिस जारी किया और चुघ से जवाब मांगा।
अब इस मामले की सुनवाई 14 सितंबर को होगी।
चुघ ने 10 मार्च को यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार की ओर से पारित ज्ञापन, जिसमें उन्हें एक वर्ष के लिए परीक्षा देने से रोक दिया गया था, को चुनौती दी थी और सिंगल जज के समक्ष याचिका दायर की थी।
उन्होंने 16 फरवरी को प्रॉक्टर कार्यालय की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस को भी चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि वह फिल्म की स्क्रीनिंग के दरमियान यूनिवर्सिटी में कानून और व्यवस्था की गड़बड़ी हुई थी।
याचिका का जवाब देते हुए, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि परिसर के अंदर फिल्म की स्क्रीनिंग अनुशासनहीनता का घोर कृत्य है।
यूनिवर्सिटी ने यह भी कहा था कि चुघ अपने शोध पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय "कैंपस राजनीति" में लिप्त हैं और अन्य छात्रों को "तुच्छ राजनीति" में शामिल होने के लिए उकसाने में सहायक थे।
आक्षेपित आदेश के तहत जस्टिस पुरुषइंद्र कुमार कौरव ने "प्राकृतिक न्याय के उल्लंघन" के कारण निर्णय को रद्द कर दिया और यूनिवर्सिटी में चुघ का प्रवेश बहाल कर दिया।
अपील में दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि एकल न्यायाधीश ने इस तथ्य की सराहना किए बिना आक्षेपित आदेश पारित किया कि चुघ ने खुद अपनी याचिका में स्वीकार किया था कि यूनिवर्सिटी में कुछ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था और परिसर में बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई थी।
यूनिवर्सिटी ने कहा कि यूनिवर्सिटी की ओर से चुघ को कारण बताओ नोटिस जारी करके, उनका लिखित जवाब मांगकर, व्यक्तिगत सुनवाई की अनुमति देकर और उसके बाद आदेश पारित करके प्राकृतिक न्याय के नियमों का विधिवत पालन किया गया।
केस टाइटल: दिल्ली यूनिवर्सिटी और अन्य बनाम लोकेश चुघ