दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश का मामला: हाईकोर्ट ने मोहम्मद सलीम खान की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2022-05-23 06:41 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को मोहम्मद सलीम खान की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया। सलीम खान को 2020 के दिल्ली दंगों में बड़ी साजिश का आरोप लगाने वाले मामले के संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यूएपीए अधिनियम के तहत आरोपी बनाया गया है।

जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस मिनी पुष्कर्ण की पीठ ने मामले की सुनवाई 20 जुलाई को तय की है। सलीम खान की ओर से अधिवक्ता मुजीब उर रहमान पेश हुए।

खान को 22 मार्च को स्थानीय अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। उसके खिलाफ एफआईआर में यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और सार्वजनिक नुकसान की रोकथाम संपत्ति अधिनियम, 1984 की धारा 3 और 4 सहित कड़े आरोप शामिल हैं। उस आईपीसी, 1860 के तहत उल्लिखित विभिन्न अपराधों का भी आरोप है।

निचली अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष की दलीलों का मुख्य जोर यह था कि डीपीएसजी ग्रुप अत्यधिक संवेदनशील ग्रुप था, जिसमें हर छोटे मैसेज पर निजी तौर पर विचार-विमर्श किया जाता था और फिर अन्य मेंबर्स को भेजा जाता था। अभियोजन पक्ष ने कहा था कि हर फैसला सोच-समझकर लिया गया था।

आतंकवादी अधिनियम को परिभाषित करने वाले यूएपीए अधिनियम की धारा 15 का उल्लेख करते हुए अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि दंगों की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई, संपत्तियों को नष्ट किया गया, आवश्यक सेवाओं में व्यवधान, पेट्रोल बम, लाठी, पत्थर आदि का उपयोग किया गया था। इसलिए अधिनियम के 15(1)(a)(i),(ii) और (iii) के तहत मानदंड आवश्यक हैं।

अभियोजन पक्ष ने कहा था कि दंगों के दौरान कुल 53 लोग मारे गए थे, पहले चरण के दंगों में 142 लोग घायल हुए थे और दूसरे चरण में अन्य 608 घायल हुए थे।

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