Delhi Riots: दिल्ली कोर्ट ने ऑटो ड्राइवर की हत्या के आरोप में 11 मुस्लिमों को किया बरी, 8 के खिलाफ तय किए आरोप

दिल्ली कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान ऑटो-ड्राइवर की मौत के लिए आठ लोगों के खिलाफ आरोप तय किए। साथ ही कोर्ट ने सबूतों के अभाव में 11 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया।
कोर्ट ने 18 मार्च को जारी आदेश में मामले के संबंध में आठ लोगों के खिलाफ आरोप तय करते हुए कहा कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148 (घातक हथियार के साथ दंगा करना), 153-ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 302 को 149 (अवैध रूप से एकत्रित होकर हत्या करना) के तहत आगे बढ़ने के लिए प्रथम दृष्टया सबूत मौजूद हैं।
कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशन सेशन जज पुलस्त्य प्रमाचला ने अपने आदेश में कहा,
"वीडियो से पता चलता है कि जब उस लड़के (बब्बू) पर हमला करने वाले लोग उसे घायल अवस्था में सड़क पर छोड़कर चले गए तो प्रतिद्वंद्वी भीड़ के लोग उस लड़के के पास आए। संभवतः उन्होंने उसे उस स्थान से उठा लिया। इसलिए किसी भी तरह से यह कल्पना नहीं की जा सकती कि पीड़ित बब्बू पर हमला करना मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ का सामान्य उद्देश्य था।"
दलीलों के दौरान, दिल्ली पुलिस ने दो वीडियो क्लिप का सहारा लिया, जिसमें बब्बू को सड़क पर पीटा जाता हुआ दिखाया गया। यह क्लिप एएसजे प्रमाचला को दिखाई गईं।
वीडियो देखने के बाद कोर्ट ने कहा,
"गवाहों के बयान और घटना के वीडियो से पता चलता है कि पीड़ित बब्बू की पिटाई में मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ के सदस्यों की कोई भूमिका नहीं थी। बल्कि वे इस पीड़ित के हमदर्द थे।"
इस मामले में मृतक के भाई के बयान के आधार पर 28 फरवरी, 2020 को खजूरी खास पुलिस स्टेशन में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई।