दिल्ली हाईकोर्ट ने कर्मचारियों, शिक्षकों को वेतन देने में विफल रहने को लेकर वित्त और शहरी विकास सचिवों, एमसीडी कमिश्नर को तलब किया
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार के वित्त और शहरी विकास सचिवों और दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर को नगर निकाय के विभिन्न कर्मचारियों, सफाईकर्मियों और शिक्षकों को वेतन का भुगतान करने में विफल रहने पर तलब किया।
चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को समय-समय पर भुगतान करने के आश्वासन के बावजूद भुगतान नहीं किया जा रहा है।
अदालत ने कहा कि 21 दिसंबर, 2022 को अवमाननाकर्ताओं, दिल्ली सरकार और एमसीडी के वकीलों ने संयुक्त रूप से कहा था कि सभी भुगतान जल्द से जल्द जारी किए जाएंगे, अधिमानतः चार सप्ताह के भीतर।
कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा,
'यह भी अजीब है कि पेंशनभोगियों को भी पेंशन नहीं मिल रही है। इस अदालत के पास एमसीडी के आयुक्त, वित्त सचिव और जीएनसीटीडी के शहरी विकास सचिव की व्यक्तिगत उपस्थिति को निर्देशित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।”
अदालत 2020 में COVID-19 के मद्देनजर, MCD के विभिन्न कर्मचारियों को वेतन का भुगतान न करने पर, पहले NDMC, SDMC और EDMC के रूप में विभाजित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
कुछ याचिकाएं सिविल बॉडी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा दी गई हैं, जिसमें शिकायत की गई है कि उनकी पेंशन जारी नहीं की जा रही है।
केस टाइटल: कोर्ट का सूट मोटो बनाम भारत सरकार और अन्य संबंधित मामले