अधिकारियों से संपर्क करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने साइबर क्राइम मामलों के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने की याचिका पर तुरंत निर्देश देने से इनकार किया

Update: 2025-12-10 15:32 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक याचिका पर तुरंत निर्देश देने से इनकार किया, जिसमें साइबर क्राइम से जुड़े मामलों से निपटने के लिए विशेष अदालतें बनाने की मांग की गई थी।

चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की डिवीजन बेंच ने विजय भास्कर वर्मा द्वारा दायर एक याचिका को बंद कर दिया, जिसमें साइबर क्राइम मामलों को निपटाने के लिए विशेष स्वतंत्र अदालतें स्थापित करने की मांग की गई थी।

कोर्ट ने वर्मा के वकील से पूछा कि क्या किसी कानून या अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान है, जो कहता है कि कोर्ट विशेष ट्रिब्यूनल या अदालतें बनाने का निर्देश दे सकता है।

चीफ जस्टिस ने वकील से पूछा,

"हम कोई मैंडमस कैसे जारी कर सकते हैं।"

स्वतंत्र अदालतें बनाने की मांग के अलावा याचिका में ऐसी अदालतों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और तकनीकी सहायता की भी मांग की गई थी।

बेंच ने कहा कि वकील कोई ऐसा कानून या प्रावधान पेश नहीं कर सके, जो विशेष रूप से साइबर क्राइम से निपटने के लिए विशेष अदालतें बनाने का आदेश देता हो।

कोर्ट ने कहा,

"हम रिट याचिका में की गई प्रार्थनाओं को स्वीकार करने में असमर्थ हैं। समग्र तथ्यों को देखते हुए हम याचिकाकर्ता को सभी उपलब्ध दलीलों को शामिल करते हुए अधिकारियों के सामने अपनी बात रखने की अनुमति देते हैं।"

इसमें आगे कहा गया कि एक बार ऐसा प्रतिनिधित्व किए जाने के बाद अधिकारी इस पर ध्यान देंगे और जल्द से जल्द फैसला लेंगे।

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