दिल्ली हाईकोर्ट ने एलएनजेपी अस्पताल को गर्भवती महिला की मेडिकल जांच में देरी के लिए फटकार लगाई, एमटीपी अनुरोध पर दोपहर एक बजे तक रिपोर्ट मांगी

Update: 2022-12-05 05:43 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल को 26 वर्षीय विवाहित महिला की मेडिकल जांच में देरी करने के लिए फटकार लगाई, जो 33 सप्ताह की गर्भावस्था को टर्मिनेट करने की मांग कर रही है, क्योंकि भ्रूण मस्तिष्क संबंधी असामान्यताओं से ग्रस्त है।

अदालत ने पिछले हफ्ते एलएनजेपी के मेडिकल बोर्ड को महिला की जांच करने और पांच दिसंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

हालांकि, महिला का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने सोमवार की सुबह अदालत को बताया कि मेडिकल बोर्ड द्वारा उसकी जांच की जानी बाकी है।

जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने अस्पताल का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से पूछा,

"वह सुबह 9 बजे से वहां है। अब सुबह 10:30 बजे है। संबंधित डॉक्टर कौन है जिसने उसे इंतजार कराया।"

अस्पताल के वकील ने प्रस्तुत किया कि विकसित गर्भावस्था और जटिलताओं के कारण मेडिकल बोर्ड भी न्यूरोलॉजिस्ट को टीम में रखना चाहता है। कोर्ट को यह भी बताया गया कि सोमवार यानी आज भ्रूण का एमआरआई किया जाना है।

अदालत ने पूछा,

"उन्होंने इसे आज सुबह क्यों नहीं किया?"

एलएनजेपी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने देरी के लिए "प्रशासनिक कारणों" और "चुनाव ड्यूटी" का हवाला दिया और अदालत को बताया कि उन्हें बताया गया है कि रिपोर्ट कल यानी मंगलवार तक तैयार हो जाएगी।

जस्टिस सिंह ने एलएनजेपी द्वारा दिए गए कारणों को "फर्जी" बताते हुए कहा,

"मैं इसे एक बजे तक चाहती हूं। मैं इस मामले को दोपहर 2:30 बजे ले रही हूं। संबंधित डॉक्टरों को बताएं कि क्या वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें 2:30 [अपराह्न] अदालत में पेश होना होगा।"

पिछले हफ्ते दायर याचिका में महिला ने कहा कि हालांकि गर्भावस्था की शुरुआत के बाद से उसने कई अल्ट्रासाउंड करवाए, लेकिन भ्रूण में मस्तिष्क संबंधी असामान्यता 12 नवंबर को ही पाई गई। असामान्यता की पुष्टि 14 नवंबर को निजी सुविधा में किए गए अन्य अल्ट्रासाउंड से हुई।

याचिकाकर्ता का मामला यह है कि बॉम्बे हाईकोर्ट और कलकत्ता हाईकोर्ट ने समान मामलों में एमटीपी अधिनियम की धारा 3(2बी) और 3(2डी) के तहत गर्भपात की अनुमति दी है।

मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट की धारा 3(2)बी के अनुसार, गर्भावस्था की अवधि से संबंधित प्रावधान गर्भावस्था के समापन पर लागू नहीं होंगे, जहां भ्रूण की किसी भी महत्वपूर्ण असामान्यता के निदान के लिए यह आवश्यक हो। 

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