दिल्ली हाईकोर्ट ने AIIMS, DU और GGSIPU में नर्सिंग कोर्स को केवल महिलाओं तक सीमित करने वाले नियम के खिलाफ जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में उस नियम को चुनौती दी गई, जिसमें कहा गया कि केवल महिला उम्मीदवार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) और गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी (GGSIPU) द्वारा संचालित नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी (ऑनर्स) नर्सिंग कोर्स के लिए पात्र हैं।
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मिनी पुष्करणा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, भारतीय नर्सिंग परिषद, AIIMS और यूनिवर्सिटी से जवाब मांगा।
यह याचिका इंडियन प्रोफेशनल नर्सेज एसोसिएशन द्वारा दायर की गई है, जो देश भर में नर्सों के कल्याण के लिए काम करने वाली गैर-सरकारी रजिस्टर्ड संस्था है। इसे वकील रॉबिन राजू और आंचल बंब के माध्यम से दायर किया गया।
याचिका में नया नियम लाने पर विचार करने का निर्देश देने की भी मांग की गई, जिसमें यह प्रावधान किया गया हो कि सभी जेंडर के व्यक्ति बी.एससी. (एच) नर्सिंग कोर्स में एडमिशन के लिए पात्र हैं।
इसमें आगे कहा गया कि महिलाओं के अलावा अन्य लिंगों को राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख और किफायती नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी (एच) नर्सिंग कोर्स का अध्ययन करने के अवसर से वंचित करना मनमाना है और लोकतंत्र, निष्पक्षता और समानता के सिद्धांतों के खिलाफ है।
याचिका में कहा गया,
“इसके अलावा, केवल महिला उम्मीदवारों को बी.एससी. (एच) नर्सिंग कोर्स में एडमिशन के लिए पात्र मानने की प्रथा को जारी रखना स्पष्ट रूप से मनमाना है और प्राप्त की जाने वाली वस्तु के लिए उचित सांठगांठ के मानक और समझदार अंतर के आधार पर अनुच्छेद 14 द्वारा बनाए गए उचित वर्गीकरण को पूरा नहीं करता।”
इसमें कहा गया,
“बनाया गया वर्गीकरण केवल महिला उम्मीदवारों को स्पेसिफिक बी.एससी. (एच) का अधिकार देता है। एक नियम के आधार पर नर्सिंग कोर्स जो वर्तमान वास्तविकताओं पर विचार नहीं करता है। नियम इस तथ्य को पूरी तरह से खारिज करता है कि देश में नर्सिंग पेशेवरों की कमी है। इसलिए गैर-महिला उम्मीदवारों को बीएससी (एच) नर्सिंग कोर्स में एडमिशन से रोकना भी बड़े पैमाने पर जनता के हित के खिलाफ है।
केस टाइटल: इंडियन प्रोफेशनल नर्सेज एसोसिएशन (आईपीएनए) बनाम भारत संघ एवं अन्य।