इलाहाबाद हाईकोर्ट ने LLB परिणाम में गलती के कारण AIBE फॉर्म नहीं भर पाने वाले दृष्टिबाधित अभ्यर्थी की सहायता की

Update: 2024-11-25 09:48 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह दृष्टिबाधित अभ्यर्थी की सहायता की है, जो अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE)-XIX के लिए समय पर आवेदन नहीं कर पाया था, जिस कारण उसके यूनिवर्सिटी द्वारा 5वें सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम में गलती थी।

यूनिवर्सिटी ने गलती को सुधार लिया और अभ्यर्थी को उत्तीर्ण घोषित कर दिया लेकिन याचिकाकर्ता उक्त गलती के कारण समय पर यानी 15 नवंबर को समाप्त होने वाली समय सीमा से पहले AIBE-19 फॉर्म जमा नहीं कर सका।

इसके मद्देनजर जस्टिस सरल श्रीवास्तव की पीठ ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता को 1 सप्ताह के भीतर AIBE-19 में उपस्थित होने के लिए आवेदन पत्र जमा करने की अनुमति दे और उसे 22 दिसंबर को निर्धारित AIBE में उपस्थित होने की अनुमति दे।

संक्षेप में याचिकाकर्ता (नवेन्दु अग्रवाल) ने 5वें सेमेस्टर की परीक्षा के अपने गलत परिणाम रद्द करने और AIBE-19 में उपस्थित होने की अनुमति देने के लिए अन्य बातों के साथ-साथ हाईकोर्ट का रुख किया।

मामला जब न्यायालय के समक्ष आया तो याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित वकील ने एकल न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता के उत्तरों का प्रिंटआउट अनजाने में परीक्षा की कॉपी पर चिपकाया नहीं जा सका।

पीठ को यह भी बताया गया कि गलती को सुधार लिया गया याचिकाकर्ता को उत्तीर्ण कर दिया गया तथा याचिकाकर्ता को सही अंकतालिका जारी कर दी गई।

इसे देखते हुए न्यायालय ने रिट याचिका को निरर्थक मानते हुए खारिज करने का निर्णय लिया।

जब पीठ को अवगत कराया गया कि उसके परिणामों में गलती के कारण वह AIBE-19 का फॉर्म जमा नहीं कर सका तो न्यायालय ने याचिकाकर्ता की नेकनीयती तथा BCI के वकील के इस कथन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया कि याचिकाकर्ता BCI के समक्ष नया अभ्यावेदन दाखिल कर सकता है, न्यायालय ने BCI को उपर्युक्त निर्देश जारी किया।

केस टाइटल– नवेन्दु अग्रवाल बनाम भारत संघ तथा 5 अन्य

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