शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की ज़मानत के खिलाफ याचिका पर बहस के लिए ED को मिला आखिरी मौका
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल को दी गई ज़मानत के खिलाफ अपनी याचिका पर बहस करने का "आखिरी और निर्णायक मौका" दिया।
जस्टिस रविंदर डुडेजा ने यह आदेश तब दिया, जब ED की ओर से पेश हुए वकील ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए सुनवाई स्थगित करने की मांग की, जो सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की पीठ के समक्ष एक मामले में व्यस्त थे।
केजरीवाल की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट विक्रम चौधरी ने स्थगन का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि अब तक ED के अनुरोध पर बिना किसी कारण के मामले को नौ बार स्थगित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी मामले को अनावश्यक रूप से लंबा खींच रही है।
उन्होंने कहा,
"सुप्रीम कोर्ट में दायर ज़मानत याचिकाओं को रद्द करने का समान आदेश वापस ले लिया गया। हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं को रद्द करने का समान आदेश वापस ले लिया गया। सभी (आरोपियों) को ज़मानत मिल गई। इसमें अब कुछ बचा नहीं है। क्या मैं ही चुना गया हूं? यह राजनीतिक लाभ है, और कुछ नहीं।"
जज ने ED के वकील को मौखिक रूप से बताया कि दोनों पक्षों की सहमति से मामले की सुनवाई आज (मंगलवार) तय की गई है और इस पर सुनवाई और निपटारा होना है।
ED का स्थगन अनुरोध स्वीकार करते हुए कोर्ट ने आदेश दिया:
"यह देखते हुए कि एएसजी माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित होने के कारण उपलब्ध नहीं हैं, न्याय के हित में याचिकाकर्ता विभाग को अपनी दलीलें प्रस्तुत करने का अंतिम अवसर दिया जाता है।"
अब मामले की सुनवाई अगले महीने होगी।
Title: ED v. Arvind Kejriwal