दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल और फेसबुक को 'आज तक' के ट्रेडमार्क डोमेन नाम का उल्लंघन करने वाली वेबसाइटों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल और फेसबुक को ट्रेडमार्क 'आज तक' के उल्लंघन के लिए कुछ वेबसाइटों और डोमेन नामों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने इस मामले में पिछले साल सितंबर में पारित अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश को ऐसी वेबसाइटों और डोमेन नामों पर लागू करने के लिए बढ़ा दिया, जिसमें न्यायालय का विचार था कि वादी कंपनी ने अपने पक्ष में प्रथम दृष्टया मामला स्थापित किया।
यह निर्देश आजतक की एक मूल कंपनी लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड द्वारा दायर एक मुकदमे में आया।
इसने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि वे इसके उपकरण और समग्र चिह्न के साथ ट्रेडमार्क 'आज तक' के मालिक हैं।
इससे पहले वादी ने प्रस्तुत किया कि प्रतिवादी अपने ट्रेडमार्क का उपयोग अपनी वेबसाइटों या डोमेन नामों के हिस्से के रूप में कर रहे है, जिससे जनता को गुमराह किया जा रहा है और उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।
अदालत ने पिछले सितंबर में पारित आदेश में कहा था,
"वादी के ट्रेडमार्क और डिवाइस/समग्र चिह्न का व्यापक उपयोग और जागरूकता स्पष्ट है कि यदि किसी को वादी में निर्धारित कारोबार और विज्ञापन खर्च से संबंधित आंकड़ों को ध्यान में रखना है।"
सोमवार को सुनवाई के दौरान न्यायालय का विचार था कि यदि नए प्रतिवादियों को मुकदमे में आवश्यक पक्ष के रूप में शामिल नहीं किया जाता तो यह प्रथम दृष्टया "इन की गैरकानूनी गतिविधियों के कारण सद्भावना और प्रतिष्ठा का भारी नुकसान होगा।"
तद्नुसार उक्त प्रतिवादियों को पक्षकार बनाते हुए उन्हें नोटिस जारी किया गया, जो 18 अक्टूबर 2021 को वापस करने योग्य है।
अदालत ने कहा,
"सुनवाई की अगली तारीख तक अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश दिनांक 24.09.2020 प्रतिवादी संख्या नौ से 12, 14, 15, 17 से 25 और 27 से 36 के साथ-साथ प्रस्तावित प्रतिवादी संख्या 13, 16 और 26 पर भी लागू होगा। तदनुसार, प्रतिवादी संख्या दो के साथ-साथ प्रतिवादी संख्या 13, 16 और 26 को प्रतिवादी संख्या नौ से 12, 14, 15, 17 से 25 और 27, 36 करने के लिए संबंधित वेबसाइटों/डोमेन नाम/वेब प्लेटफॉर्म को ब्लॉक/निलंबित करने का निर्देश दिया जाता है।"
इसी तरह के निर्देश में हाईकोर्ट ने इस साल जून में खुद किसान विरोध में रुचि रखने वाले व्यक्तियों का एक ऑनलाइन समुदाय होने का दावा करते हुए, अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर न्यूज चैनल आजतक के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट करने से और प्राइमा टाइम बनाने के बाद TRACTOR2TWITTER को रोक दिया था। प्रथम दृष्टया राय है कि इसके द्वारा अपलोड किए गए कथित पोस्ट अपमानजनक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले मानहानिकारक थे।
आजतक ने ट्विटर, फेसबुक, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम सहित अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर न्यूज चैनल और उसके कर्मचारियों के खिलाफ चलाए जा रहे "दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक अभियान" के लिए TRACTOR2TWITTER के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था।
सूरत: वादी की ओर से अधिवक्ता राहुल बेरुआर और ज्योत्सना सिन्हा पेश हुए।
शीर्षक: लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड और ANR बनाम WWW.NEWS-AJTAK.CO.IN & ORS।
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