दिल्ली हाईकोर्ट ने अशनीर ग्रोवर के वकील से BharatPe के खिलाफ उन्हें सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा, 'उसे मर्यादा बनाए रखने के लिए कहें'

Update: 2023-01-09 09:29 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को BharatPe के पूर्व प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर के वकील से कहा कि वह फिनटेक कंपनी द्वारा उनके, उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ दायर मुकदमे की सुनवाई के दौरान उन्हें "शिष्टाचार बनाए रखने" के लिए कहें।

मुकदमे में प्रतिवादी ग्रोवर, उनकी पत्नी, उनके साले और ससुर हैं। BharatPe ने सूट में ग्रोवर पर कंपनी के खिलाफ "दुष्प्रचार अभियान" चलाने का आरोप लगाया है।

जस्टिस नवीन चावला ने ग्रोवर और अन्य प्रतिवादियों को BharatPe द्वारा दायर अंतरिम आवेदनों पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए तीन सप्ताह का और समय दिया। अदालत ने ग्रोवर और उनकी पत्नी द्वारा दायर आवेदन पर भी नोटिस जारी किया और पक्षकारों से मुकदमे में लिखित बयान दर्ज करने को कहा।

कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में आरोपियों को समन जारी किया था।

सुनवाई के दौरान BharatPe की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव नायर ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि ग्रोवर मुकदमा दायर करने के बावजूद फिनटेक कंपनी के खिलाफ बयान दे रहे थे।

नायर ने यह भी कहा कि ग्रोवर ने हाल ही में जारी अपनी किताब में "कानूनी पेशे की तुलना वेश्यावृत्ति से की है"।

जस्टिस चावला ने ग्रोवर के ट्वीट और बयानों पर अदालत का रुख करने पर मौखिक रूप से टिप्पणी की,

"सोशल मीडिया ने हमें इस स्तर तक नीचे ला दिया।"

अदालत ने ग्रोवर के वकील से कहा,

"उन्हें मर्यादा बनाए रखने के लिए कहें।"

सूट में BharatPe ने आरोपियों से अन्य राहतों के अलावा 88 करोड़ रूपए से अधिक का हर्जाना मांगा है। यह मुकदमा प्रतिवादियों को कंपनी के खिलाफ मानहानिकारक बयान देने से रोकने के लिए दायर किया गया है।

केस टाइटल: रेजिलिएंट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड बनाम माधुरी जैन ग्रोवर और अन्य।

Tags:    

Similar News