दिल्ली हाईकोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ एलोपैथी के बारे में गलत सूचना फैलाने को लेकर दायर याचिका पर 30 जुलाई तक सुनवाई स्थगित की
दिल्ली हाईकोर्ट ने COVID-19 महामारी के बीच बाबा रामदेव द्वारा अपने बयान से एलोपैथी के खिलाफ कथित रूप से गलत सूचना फैलाने के खिलाफ सात डॉक्टर्स मेडिकल एसोसिएशनों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई 30 जुलाई तक स्थगित कर दी है।
यह स्थगन उस समय हुआ जब मामले की सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति हरि शंकर एक दिन के लिए छुट्टी पर थे।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि योग गुरु बाबा रामदेव गलत सूचना फैलाकर बड़े पैमाने पर जनता को गलत बयानी दे रहे थे कि एलोपैथी COVID-19 मौतों के लिए जिम्मेदार है। इसके साथ ही एलोपैथी दवाओं का इस्तेमाल करने की सलाह देने वाले डॉक्टर उन लोगों की मौत का कारण बन रहे थे, जो COVID-19 के बीच मार रहे थे।
यह याचिका निम्नलिखित एसोसिएशनो द्वारा याचिका दायर की गई है: ऋषिकेश, पटना और भुवनेश्वर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के तीन रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन; रेजिडेंट डॉक्टरों का संघ, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़; रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, मेरठ; तेलंगाना जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन, हैदराबाद; पंजाब के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन।
याचिका में यह भी कहा गया है कि बाबा रामदेव न केवल एलोपैथिक उपचार बल्कि अन्य COVID-19 वैक्सीन की प्रभावशीलता के संबंध में भी लोगों के मन में संदेह पैदा कर रहे थे।
इसके अलावा, यह माना गया है कि एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते रामदेव के बयान बड़े पैमाने पर जनता को प्रभावित कर सकते हैं । इस तरह उन्हें एलोपैथी उपचार का विकल्प चुनने से विचलित कर सकते हैं, जो कि सरकार द्वारा भी स्वास्थ्य देखभाल के एक मानक रूप के रूप में निर्धारित चिकित्सा पद्धति है।
19 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई के दौरान, अदालत ने डॉक्टर्स एसोसिएशन्स की ओर से पेश हुए वकील को बाबा रामदेव द्वारा फैलाई जा रही कथित गलत सूचना के बारे में वीडियो रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहा था।
शीर्षक: रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, एम्स (ऋषिकेश) और अन्य बनाम राम किशन यादव उर्फ स्वामी रामदेव और अन्य।