राज्य पार्टी कार्यालय आवंटन को एकपक्षीय तरीके से रद्द करने के खिलाफ AAP की याचिका पर नोटिस जारी

Update: 2025-05-26 11:58 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में अपने राज्य पार्टी कार्यालय के आवंटन को संपदा निदेशालय द्वारा कथित रूप से एकपक्षीय तरीके से रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका पर नोटिस जारी किया।

पार्टी ने पार्टी कार्यालय पर कब्जे के लिए बाजार दरों पर किराया लगाए जाने को भी चुनौती दी, जिसमें कहा गया कि आवंटन को कथित रूप से रद्द किए जाने के बारे में आप को सूचित किए बिना ऐसा किया गया।

जस्टिस सचिन दत्ता ने भारत संघ और संपदा निदेशालय से जवाब मांगा और मामले को 12 अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया।

अदालत ने AAP की उस अर्जी पर भी नोटिस जारी किया, जिसमें 14 सितंबर 2024 से 29 अप्रैल 2025 के बीच की अवधि के लिए राज्य पार्टी कार्यालय के कब्जे के लिए बाजार किराए पर लगाए गए दो बिलों पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

AAP ने संपदा निदेशालय द्वारा पिछले साल 14 सितंबर को जारी किए गए आदेश को चुनौती दी, जिसमें कथित तौर पर परिसर के लिए उसके पक्ष में आवंटन रद्द कर दिया गया।

याचिका में कहा गया,

एकपक्षीय आदेश के तथ्य और विषय-वस्तु को प्रतिवादी नंबर 2 द्वारा संबोधित दिनांक 17.01.2025 के पत्र में पहली बार याचिकाकर्ता को विलंब से अवगत कराया गया, जिसमें याचिकाकर्ता को दिनांक 14.09.2024 के एकपक्षीय आदेश का अनुपालन करने के लिए कहा गया, जिसे आज तक याचिकाकर्ता के साथ कभी साझा नहीं किया गया।”

इसमें कहा गया कि आवंटन रद्द करना सरकारी आवास (दिल्ली में सामान्य पूल) नियम, 1963 के आवंटन के संग्रह के रूप में जारी कार्यालय ज्ञापन और संपदा निदेशालय द्वारा जारी निर्देशों के सार का उल्लंघन है।

याचिका में लिखा,

“14.09.2024 का एकपक्षीय निरस्तीकरण आदेश कानून की नज़र में अमान्य है, क्योंकि इसे याचिकाकर्ता को कोई कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना पारित किया गया। राज्य पार्टी कार्यालय के आवंटन को रद्द करने से पहले सुनवाई का उचित अवसर देने से इनकार किया गया; तदनुसार, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन होने के कारण 14.09.2024 का कथित निरस्तीकरण आदेश प्रभावी नहीं हो सकता है।”

केस टाइटल: आम आदमी पार्टी बनाम भारत संघ और अन्य

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