दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा, अगर नए मामले नहीं हो रहे हैं तो कंटेनमेंट ज़ोन से प्रतिबंध हटाए जाएं
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वे प्रतिबंध हटाने के DG-3 सोसायटी, विकासपुरी के आग्रह पर ध्यान दे जिसे कंटेनमेंट ज़ोन घोषित किया गया था, लेकिन अब वहां कोई नए मामले सामने नहीं आ रहे हैं।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह जांच और निगरानी के अपने प्रोटकॉल को जारी रखे और अगर कोई नया मामला होता है तो उचित क़दम उठाए।
इस बारे में सील हटाने की याचिका DG-3 सोसायटी ने दायर की है जिसे कोविड संक्रमण के बाद सील कर दिया गया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस सोसायटी में अंतिम बार चार मामलों का पता 11/13.05.2020 को चला था। इसके बाद इन लोगों के होम आइसोलेशन को 29.05.2020 को ख़त्म कर दिया गया।
याचिककर्ता का कहना है कि प्रतिवादी का यह कहना ग़लत है कि सोसायटी में COVID-19 संक्रमण के सात नए मामले हुए हैं। सिर्फ़ चार ही मामले हुए थे और वे सबके सब ठीक हो चुके हैं।
सोसायटी ने कहा कि पिछले कई दिनों से किसी नए सक्रिय मामले का पता नहीं चलने के अलावा प्रतिवादी ने पूरी सोसायटी को कंटेनमेंट ज़ोन बना रखा है जिसकी वजह से यहाँ के निवासियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली सरकार के वक़ील अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप कार्रवाई की है।
श्रीवास्तव ने कहा कि सोसायटी में संक्रमण के सिर्फ़ चार मामले होने के बारे में कोरिजेंडम जारी किया जा चुका है।
श्रीवास्तव ने कहा कि प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी और सिर्फ़ निगरानी और जांच की जाएगी और उन पर कंटेनमेंट ज़ोन के प्रतिबंध अब लागू नहीं होंगे।
याचिका का निस्तारण करते हुए अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा कि उसने अदालत में जो बात कही है उस पर उसको क़ायम रहना चाहिए।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर भविष्य में COVID-19 संक्रमण का कोई मामला होता है तो सरकार उचित कार्रवाई कर सकती है और सोसायटी को दोबारा कंटेनमेंट ज़ोन घोषित कर सकती है।