दिल्ली कोर्ट ने सेटलमेंट के बाद यूट्यूबर ठुगेश के खिलाफ ANI का कॉपीराइट उल्लंघन मामला बंद किया
दिल्ली कोर्ट ने न्यूज़ एजेंसी एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (ANI) द्वारा यूट्यूबर ठुगेश अनफ़िल्टर्ड चैनल पर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दायर किया गया केस, दोनों पक्षकारों के बीच सेटलमेंट के बाद बंद कर दिया।
पटियाला हाउस कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज पुलस्त्य प्रमाचला ने ठुगेश, जिनका असली नाम महेश राजेश केशवाला है, के खिलाफ केस का फैसला सुनाया।
दोनों पक्षकारों के वकीलों ने कहा कि मामला उनके बीच सुलझ गया और यूट्यूबर के खिलाफ अब और कुछ क्लेम नहीं करना है।
कोर्ट ने कहा,
"ऑर्डर XXIII रूल 3 के तहत CPC की 151 के साथ पढ़े गए जॉइंट एप्लीकेशन में 04.11.2025 को दर्ज किए गए जॉइंट स्टेटमेंट और पक्षकारों के बीच हुए एग्रीमेंट को देखते हुए वादी द्वारा दायर किया गया केस प्रतिवादी नंबर 1 के खिलाफ तय किया जाता है, यह केस ऑर्डर XXIII रूल 3 CPC के तहत तय किया जाता है।"
इसमें आगे कहा गया,
"CPC की धारा 89 को कोर्ट फीस एक्ट की धारा 16 और ऊपर बताए गए फैसले के साथ देखते हुए वादी द्वारा दी गई पूरी कोर्ट फीस वापस कर दी जाए। ज़रूरी सर्टिफिकेट जारी किया जाए।"
ANI ने ठुगेश के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन पायरेसी, साहित्यिक चोरी अनुचित लाभ और अन्य गलत कामों के लिए स्थायी अनिवार्य रोक और हर्जाने की मांग की थी।
केस में ठुगेश को ANI के कॉपीराइट वाले काम या कंटेंट, जिसमें न्यूज़ एजेंसी के YouTube चैनल पर पब्लिश किए गए वीडियो भी शामिल हैं, उसको किसी भी प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करने, पब्लिश करने, अपलोड करने, डिस्ट्रीब्यूट करने दोबारा पब्लिश करने या किसी भी तरह से इस्तेमाल करने से रोकने के लिए रोक लगाने की मांग की गई।
ANI के केस में चार वीडियो का ज़िक्र किया गया, जिनका कथित तौर पर ठुगेश ने न्यूज़ एजेंसी की अनुमति के बिना अपने YouTube चैनल पर इस्तेमाल किया।
ANI के अनुसार, ये वीडियो उसके ओरिजिनल कामों की अनधिकृत कॉपी थे और इसलिए कॉपीराइट उल्लंघन के बराबर थे।
आरोप लगाया गया कि ANI के कथित तौर पर उल्लंघन करने वाले वीडियो का पब्लिकेशन ठुगेश द्वारा न्यूज़ एजेंसी की कीमत पर ज़्यादा व्यूज़ पाने और पैसे कमाने के लिए एक सोची-समझी और जानबूझकर की गई हरकत थी।