"जब तक वहां स्टे है, तब तक यहां कुछ नहीं हो सकता" : दिल्ली की अदालत ने INX मीडिया मामले में 12 अगस्त तक सुनवाई स्थगित की

Update: 2021-07-29 12:13 GMT

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति चिदंबरम और अन्य से जुड़े सीबीआई के आईएनएक्स मीडिया मामले में सुनवाई स्थगित कर दी।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश एमके नागपाल ने मामले की सुनवाई दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा स्टे ऑर्डर दिए जाने के मद्देनजर स्थगित कर दी। इसके बाद मामले की सुनवाई 12 अगस्त तक स्थगित कर दी गई।

न्यायाधीश ने कहा,

"जब तक वहां स्टे है, तब तक यहां कुछ नहीं हो सकता।"

दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस साल मई में आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई की याचिका पर ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, जिसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें सीबीआई को जांच के दौरान एकत्र किए गए दस्तावेजों या जांच एजेंसी द्वारा दर्ज किए गए बयानों की प्रतियां आरोपी व्यक्तियों को प्रदान करने का निर्देश दिया गया था।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश एमके नागपाल द्वारा 5 मार्च को पारित आदेश को चुनौती देते हुए सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें कहा गया था कि विशेष न्यायाधीश ने सीबीआई को जांच के दौरान अपने द्वारा एकत्र किए गए सभी दस्तावेजों को दाखिल करने या अदालत के समक्ष पेश करने के निर्देश जारी करने में अपने अधिकार क्षेत्र को पार कर लिया साथ ही यह कहने के लिए कि आरोपी व्यक्ति भी ऐसे दस्तावेजों की प्रतियों के हकदार हैं, इस तथ्य के बावजूद कि सीबीआई उन पर भरोसा कर रही है या नहीं।

चिदंबरम को पिछले साल 21 अगस्त को सीबीआई ने 15 मई, 2017 को दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसमें 2007 में वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाया गया था।

सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने आईएनएक्स सौदे के संबंध में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध औरधन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अलग-अलग मामले दर्ज किए। 58 दिन हिरासत में, 15 दिन सीबीआई हिरासत और 53 दिन न्यायिक हिरासत में बिताने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 22 अक्टूबर को सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में जमानत दी थी।

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