यूपी की जेलों में कस्टडी में मौत आम बात : डॉक्टर कफील खान की पत्नी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखकर अपने पति के लिए सुरक्षा मांगी

Update: 2020-03-02 15:09 GMT

अपने पति डॉ.कफील खान के जीवन के लिए खतरे को समझते हुए डॉक्टर शबिस्ता खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपने पति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।

इस समय कफील खान राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए‌) के तहत मथुरा जेल में बंद हैं। उन्हें इसी साल जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया गया था। डॉक्टर खान पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से सीएए के विरोध के बीच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 13 दिसंबर, 2019 को एक भड़काऊ भाषण दिया था।

25 फरवरी को लिखे पत्र में खान की पत्नी ने आरोप लगाया है कि केवल एक दिन की जांच के बाद ही उनके पति पर एनएसए के तहत मामला बना दिया गया। उन्होंने यह भी कहा है कि हिरासत में मौत होना यूपी की जेलों की एक ''सामान्य''बात है, इसलिए आशंका है कि अगर पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो उनके पति के साथ भी ऐसा ही कुछ हो सकता है।

डॉक्टर शबिस्ता ने सीजेआई से मांग की है कि मथुरा जेल के जेल अधीक्षक को निर्देश दिया जाए कि वह डॉ. कफील खान को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करें।

सीजेआई को संबोधित इस पत्र में लिखा है कि-

''उन्हें (डॉ.कफील खान) अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था और केवल एक दिन की जांच के बाद, उनके खिलाफ एनएसए के तहत आरोप लगा दिए गए थे। मेरे पति को परेशान किया जा रहा है, उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है और मानवीय गरिमा के उनके अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है।

आज कल उत्तर प्रदेश की जेलों में हिरासत में मौत आम बात हो गई है और मुझे डर है कि मेरे पति को भी जेल के अंदर ही मार दिया जाएगा और जेल प्रशासन अपराध के लिए निर्दोष कैदी को दोषी ठहराते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेगा।

उपरोक्त सभी जानकारी मुझे मेरे पति ने ही दी हैं। ऐसी स्थिति में, उनको हार्ड कोर अपराधियों से अलग रखना और जेल में सुरक्षा देना एक उचित कदम होगा, इसलिए, मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि मेरे पति डॉ.कफील खान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जेल अधीक्षक मथुरा को निर्देश दिए जाएं।''

विशेष बात यह है कि , खान को 10 फरवरी को सीजेएम, अलीगढ़ की अदालत द्वारा जमानत दे दी गई थी, हालांकि, वह एनएसए के तहत जेल में बंद है।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शबिस्ता ने कहा था कि खान के साथ जेल अधिकारियों द्वारा गलत व्यवहार किया जा रहा है और इससे उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने एएनआई को बताया कि-

''हम मथुरा जेल में उनसे मिलने गए थे। उन्होंने मुझे बताया कि जब उन्हें गिरफ्तार करने के बाद जेल में लाया गया था, तो उन्हें लगातार पाँच दिनों तक खाना नहीं दिया गया था। वह जिस बैरक में रह रहे हैं वह बहुत छोटा है और उसमें लगभग 100-150 लोग हैं। वहां पर उनके जीवन को खतरा हो सकता है।'' 





 


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