ज़मानत स्वीकार करने के लिए PM CARES फंड में राशि जमा कराने की शर्त लगाना अनुचित: मप्र हाईकोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फैसले से सहमति जताई

Update: 2020-05-14 02:00 GMT

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक स्थानीय अदालत द्वारा लगाई गई जमानत शर्त को निरस्त कर जिसमें जमानत के लिए याचिकाकर्ताओं को PM CARES फंड में प्रत्येक को 25,000 / - रुपये की राशि जमा करने को कहा गया था।

भोपाल निवासी फ़हद अहमद और हाफ़िज़ एम हसीन ने इस जमानत की शर्त को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था।

हाल ही में चिन्ना राव स्वंयवरवप्पु बनाम केरल राज्य और अन्य में केरल हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश में कहा गया था कि ज़मानत देने की कंडीशन में याचिकाकर्ता को नकद रुपये जमा कराने की शर्त रखना अन्यायपूर्ण, अनियमित और अनुचित है।

ऐसा करने में, केरल हाईकोर्ट ने मोती राम बनाम मध्यप्रदेश राज्य में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर भरोसा करते हुए यह कहा गया था कि जमानत के लिए नकद सुरक्षा या किसी भी राशि के अनुदान के लिए राशि जमा करना अन्यायपूर्ण, अनियमित और अनुचित है।

केरल उच्च न्यायालय के उक्त निर्णय के साथ स्वयं को पाते हुए, न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल ने इस शर्त को रद्द कर दिया। उन्होंने आदेश दिया कि

"मैं केरल उच्च न्यायालय द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण का सम्मान करता हूं। उपरोक्त आदेश को ध्यान में रखते हुए, 30.1.2020 की शर्त क्रम संख्या 1 पर लागू करते हुए इसे रद्द किया जाता है।"

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ नियमित रूप से कैदियों की रिहाई के आदेश जारी कर रही है।

मामले का विवरण:

केस का शीर्षक: फहद अहमद एंड अदर्स बनाम मध्य प्रदेश राज्य

केस नं .: MCRC 13259/2020

कोरम: जस्टिस सुजॉय पॉल

एपियरेंस : वकील अंकित सक्सेना (याचिकाकर्ताओं के लिए); जगत सिंह, पीएल (राज्य के लिए)

आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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