आप अराजकता को क्यों बढ़ावा दे रहे हैं? सब्जी मंडी की दयनीय स्थिति पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया

Update: 2025-07-31 07:34 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 26 सब्जी मंडी में व्याप्त दयनीय स्थिति का स्वतः संज्ञान लिया और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की निष्क्रियता पर कड़ी आपत्ति जताई।

चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने प्रशासन से पूछा,

"आप सब्जी मंडी में पूरी तरह अराजकता क्यों फैला रहे हैं?"

प्रशासन की ओर से पेश हुए वकील अमन पाल ने कहा,

"हम मंडी को सेक्टर 39 में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में हैं, लेकिन ई-नीलामी की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।"

यह स्वतः संज्ञान एक समाचार पत्र की रिपोर्ट पर लिया गया, जिसमें कहा गया कि सेक्टर 26 स्थित फल और सब्जी मंडी में बदबूदार कूड़े के ढेर, कीचड़ भरी सड़कें और अतिक्रमण आगंतुकों का स्वागत करते हैं।

इसमें आगे कहा गया कि निरंतर उदासीनता के बीच बाज़ार की सड़क, स्ट्रीट लाइटें और अन्य बुनियादी ढाँचे भी इस हद तक ख़राब हो गए कि वे उपयोग के लायक नहीं हैं।

यूटी प्रशासन पिछले 30 वर्षों से सेक्टर 26 की मंडी को सेक्टर 39 स्थित नई अनाज मंडी में स्थानांतरित करने की अपनी योजना पर अमल करने में विफल रहा है। समाचार लेख में बताया गया कि इस परियोजना की पहली बार परिकल्पना 1996 में की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में सेक्टर 39 की नई सब्जी मंडी में दुकानों और शोरूम की ई-नीलामी पर रोक लगा दी थी। यह घटनाक्रम सेक्टर 26 सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन (कमीशन एजेंट) द्वारा नीलामी के खिलाफ एक याचिका दायर करने के बाद सामने आया है, जिसमें तर्क दिया गया कि नीलामी को नियंत्रित करने वाले चंडीगढ़ एस्टेट नियमों को उस मंडी पर लागू नहीं किया जाना चाहिए, जहाँ दुकानों का उपयोग प्रतिबंधित है।

मामले की सुनवाई 19 अगस्त तक स्थगित करते हुए अदालत ने यूटी से अपना जवाब दाखिल करने को कहा।

टाइटल: न्यायालय अपने स्वयं के प्रस्ताव पर बनाम यूटी चंडीगढ़, अपने मुख्य सचिव, चंडीगढ़ के माध्यम से

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