अगले सत्र में कोशिश करें: संसद सत्र में शामिल होने की याचिका निरर्थक होने पर हाईकोर्ट की अमृतपाल सिंह को सलाह

Update: 2025-12-18 12:49 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जेल में बंद सांसद अमृतपाल सिंह की उस याचिका को गुरुवार को लगभग निरर्थक करार दिया, जिसमें उन्होंने संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में भाग लेने के लिए पैरोल की मांग की थी। अदालत ने कहा कि शुक्रवार को शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन है और वकीलों के कार्य बहिष्कार के कारण समय रहते सुनवाई पूरी नहीं हो सकी।

चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ के समक्ष अमृतपाल सिंह ने राज्य सरकार द्वारा संसद में उपस्थित होने के लिए पैरोल देने से इनकार किए जाने को चुनौती दी थी। अमृतपाल सिंह इस समय राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत निरुद्ध हैं और असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट इमान सिंह खरा ने दलील दी कि अमृतपाल सिंह एक निर्वाचित सांसद हैं और उनकी अनुपस्थिति के कारण उनके संसदीय क्षेत्र का कामकाज ठप पड़ा है। याचिका में कहा गया कि बाढ़, नशाखोरी और कथित फर्जी मुठभेड़ों जैसे अहम जनहित के मुद्दों को वह संसद में नहीं उठा पा रहे हैं, जिससे जनता की आवाज दब रही है।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने व्यावहारिक पहलू की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि मान भी लिया जाए कि अदालत याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश पारित कर दे तो उसका क्रियान्वयन संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि डिब्रूगढ़ से दिल्ली तक हेलीकॉप्टर से पहुंचने में ही कम से कम 10 घंटे लगेंगे और ऐसे में शीतकालीन सत्र में भाग लेना संभव नहीं है।

अदालत ने टिप्पणी की,

“अब अगले सत्र में कोशिश करें।”

अदालत ने अपने आदेश में यह भी दर्ज किया कि पिछले कई अवसरों पर और आज भी वकीलों के कार्य बहिष्कार के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। प्रतिवादी पक्ष का कोई वकील उपस्थित नहीं था और याचिकाकर्ता की ओर से भी बहस पूरी नहीं हो पाई। चूंकि शुक्रवार को शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन है, इसलिए याचिका में उठाया गया मुद्दा अब व्यावहारिक रूप से निरर्थक हो गया।

हालांकि हाईकोर्ट ने अमृतपाल सिंह को यह स्वतंत्रता दी कि जब नया कारण उत्पन्न हो तब वह उचित मंच पर इसी तरह की राहत के लिए दोबारा याचिका दायर कर सकते हैं।

याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि अमृतपाल सिंह को पहले सांसद के रूप में शपथ ग्रहण करने के लिए दिल्ली आने की अनुमति दी गई। इसके अलावा, दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले का भी हवाला दिया गया, जिसमें अब्दुल राशिद शेख बनाम एनआईए मामले में यूएपीए के तहत हिरासत में रहे एक अन्य सांसद को बजट सत्र में संसद में उपस्थित होने की अनुमति दी गई थी।

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