जम्मू-कश्मीर में स्तर-4 तक सरकारी नौकरियों में निवासियों को आरक्षण देने के प्रावधान की अधिसूचना जारी
Centre Notifies Act Providing Domicile Reservation For Govt Jobs Up To Level 4 In Jammu & Kashmir
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (राज्य के क़ानूनों का अंगीकरण) आदेश, 2020 जारी कर दिया है जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
जम्मू और कश्मीर एवं लद्दाख़ मामले ने इसे जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत जारी किया है। यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के बाद पास किया गया जिसके द्वारा जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर एवं लद्दाख़ में बाँट दिया गया।
इस आदेश से जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा (विकेंद्रीकरण और भर्ती) अधिनियम जिसे अब 'सिविल सर्विसेज़ अधिनियम' कहा जाएगा, में इस क्षेत्र में रोज़गार के संदर्भ में 'निवासी' को परिभाषित किया गया है।
किसी को जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र का निवासी तभी माना जाएगा अगर वह
a. जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में पिछले 15 वर्षों से रह रहा हो या यहाँ 7 साल तक पढ़ाई की है और जो जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र के किसी शैक्षिक संस्थान से कक्षा 10/12वीं की परीक्षा में बैठा है; या
b. जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में राहत या पुनर्वास आयुक्त (प्रवासी) द्वारा पंजीकृत है,
जो लोग ऊपर की शर्तें पूरी करते हैं उनके बच्चे भी इसमें शामिल माने जाएँगे।
इसकी धारा 3A में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चे, अखिल भारतीय सेवाओं, सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारी और केंद्र सरकार के स्वायत्तशासी संस्थाएँ, सरकारी बैंक, वैधानिक इकाइयों के अधिकारी, केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिकारी और केंद्र सरकार के मान्यताप्राप्त शोध संस्थानों के अधिकारी जिन्होंने 10 साल तक जम्मू और कश्मीर में अपनी सेवाएँ दी हैं।
फिर, इसमें जम्मू-कश्मीर के उन निवासी के बच्चे भी शामिल होंगे जो अपने रोज़गार या व्यवसाय या अन्य पेशेवर कारणों से जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश से बाहर रहते हैं पर जिनके माता-पिता धारा 3A(1) की शर्तों का पालन करते हैं।
धारा 5A स्तर-04 (जिसका वेतन ₹25500 से अधिक नहीं हो) पर नियुक्ति में निवासी की अर्हता से संबंधित है।
इसके अनुसार, अगर कोई व्यक्ति जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का निवासी नहीं है तो उसकी नियुक्ति उस पद पर नहीं हो सकती जो स्तर-4 (₹25,500) से ऊँचा है।
इस तरह, ग़ैर-राजपत्रित में सबसे निचले स्तर की नौकरियाँ जम्मू और कश्मीर के निवासियों के लिए ही सुरक्षित हैं।
ग़ौर करनेवाली बात है कि 5 अगस्त 2019 से पहले संविधान का अनुच्छेद 35A यह सुनिश्चित करता था कि जम्मू और कश्मीर की सभी नौकरियाँ सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए हैं जो इस राज्य के स्थाई निवासी हैं। पर अब इसे बदल दिया गया है।